संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि नवा रायपुर स्थित पुरखौती मुक्तांगन नये स्वरूप में इस तरह तैयार किया जाए कि यहां आकर्षक एवं भव्यता के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परम्परा की एक अलग पहचान होनी चाहिए। यहां मुक्तांगन में आने वाले दर्शकों, पर्यटकों, सैलानियों और कलाकारों के लिए ठहरने, खान-पान, पार्किंग की उत्तम व्यवस्था सहित अन्य आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता हो। मुक्तांगन में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परम्परा की झलक दिखनी चाहिए। स्वामी विवेकानंद भवन को मूल स्वरूप में जीर्णोद्धार किया जाये। जिससे स्वामी विवेकानंद जी के रायपुर आगमन की स्मृतियों को संजोया जा सके। संस्कृति मंत्री श्री भगत ने आज पुरखौती मुक्तांगन संग्रहालय निर्माण एवं संचालन समिति की बैठक में उक्त बातें कही। बैठक राजधानी रायपुर स्थित सरगुजा कुटीर कार्यालय में सम्पन्न हुई।
संस्कृति मंत्री श्री भगत मुक्तांगन परिसर में बनने वाले भारत भवन, अभिलेखागार, मानव संग्रहालय और स्वामी विवेकानंद स्मारक के डिजाईन का पावर पाईंट का प्रस्तुतिकरण भी देखा। उन्होंने कहा कि एक अम्ब्रेला के नीचे तैयार हो रहे इन भवनों में पर्यटकों, सैलानियों, शोधार्थी, कलाकार आदि सभी विधा के लोगों के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हो। अधिकारियों ने बताया कि पुरखौती मुक्तांगन परिसर में दर्शकों एवं पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। मुक्तांगन में प्रादर्श, पुरावशेषों एवं कलाकृतियों की देख-भाल के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाने की आवश्यकता है। मंत्री श्री भगत ने इसे गम्भीरता से लेते हुए मुक्तांगन में 30 नग सीसीटीवी कैमरा लगाने की सहमति जाहिर की।
अधिकारियों ने बताया कि दर्शकों और पर्यटकों की सुविधा के लिए पुरखौती मुक्तांगन में बैटरी चलित वाहन का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए दर का निर्धारण किया जाना चाहिए। बैठक में 50 रूपए प्रति व्यक्ति का भ्रमण दर निर्धारण करने पर सहमति प्रदान की गई है। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि मुक्तांगन परिसर में आकर्षक स्वरूप में छत्तीसगढ़ के नक्शे पर राम वन गमन पर्यटन परिपथ का प्रादर्श भी लगाया जाएगा। साथ ही पर्यटकों की सुविधाओं के लिए मुख्य गेट के दांये और बायें 10 दुकानों का निर्माण किया जाना है। मंत्री श्री भगत ने इस पर खुशी जाहिर की है। बैठक में पार्किंग व्यवस्था, बिजली, पानी, सुलभ-शौचालय, जन सुविधा केन्द्र आदि के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की गई है।
बैठक में संस्कृति और पर्यटन विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., संचालक श्री विवेक आचार्य, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद् के सदस्य श्री नवल शुक्ला, श्री ईश्वर सिंह दोस्त और श्री योगेन्द्र त्रिपाठी सहित विभाग के संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।