चार दिन पहले दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में हुए धमाके (Rohini Court Blast) में IED का इस्तेमाल हुआ था. खुफिया सूत्रों से न्यूज़18 को जानकारी मिली है कि इस धमाके के पीछे इस्लामिक आतंकवादी संगठनों (Islamic Terror Outfits) का हाथ हो सकता है. इस धमाके में एक बैटरी, टाइमर और पोटैशियम क्लोराइड और नाइट्रेट के मिश्रण का इस्तेमाल किया गया है. सूत्रों का कहा है कि सौभाग्यवश इस IED को सही तरीके से पैक नहीं किया जा सका था इसी वजह से लो-इंटेंसिटी धमाका हुआ. सूत्रों का कहना है कि ये धमाका बड़ा हो सकता था और बड़ा नुकसान हो सकता था.
रोहिणी कोर्ट दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में स्थित है और सामान्य तौर पर यहां पर भीड़ रहती है. 9 दिसंबर को धमाके के बाद वहां मौजूद लोगों और वकीलों में भगदड़ मच गई थी. कोर्ट के रूम नंबर 102 में ब्लास्ट के बाद से न सिर्फ कोर्ट में चल रही मामलों की सुनवाई को रोक दिया गया था बल्कि दिल्ली पुलिस और फॉरेंसिक टीम जांच में जुट गई थी.
वहीं, इस घटना में कोर्ट नंबर 102 का पुलिसकर्मी घायल हुआ, जिसे अम्बेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया. तब दिल्ली पुलिस ने बताया था कि ये लो इंटेसिटी बम ब्लास्ट है. इसे क्रूड बम (crude bomb) बताया गया था. लेकिन मौके से आईईडी, एक्सप्लोसिव और एक टिफिननुमा चीज मिली थी.
तमिलनाडु पीस मूवमेंट नाम के संगठन पर निगाहें
अब सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसियों को कई लीड मिली हैं. मामले में इस्लामिक आतंकी संगठनों की संलिप्तता का संदेह है. बता दें कि तमिलनाडु पीस मूवमेंट (Tamil Nadu Peace Movement) नाम का एक संगठन अदालतों को निशाना बनाने के लिए कुख्यात है. अब रोहिणी कोर्ट धमाका मामले में इस संगठन पर निगाह है.
सीसीटीवी तस्वीरों के जरिए कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आ पा रही है क्योंकि पार्किंग में गाड़ी लगाने के बाद साजिशकर्ताओं ने सीढ़ियों का इस्तेमाल किया था. बीते महीने दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि वो कोर्ट परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश पास करेगा. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अगुवाई वाली पीठ ने न्यायिक परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मियों की जरूरत पर बल दिया था.
इससे पहले सितंबर महीने में रोहिणी कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए बदमाश की गोलीबारी में मौत की घटना से राजधानी में सनसनी फैल गई थी. फायरिंग की घटना से कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया था.