देश में 10 जनवरी से 60 साल से अधिक आयु वाले नागरिकों को प्रिकॉशनरी डोज (Precautionary Dose) के तौर पर कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की तीसरी खुराक दी जाएगी. इसके लिए वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य से संबंधित किसी तरह का मेडिकल सर्टिफिकेट या सबूत दिखाने की जरुरत नहीं होगी. वे सीधे टीकाकरण केंद्रों पर जाकर कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) का तीसरा डोज ले सकेंगे. हालांकि यह सुझाव दिया गया है कि कोरोना वैक्सीन प्रिकॉशनरी डोज लेने से पहले वे एक बार मेडिकल सलाह जरूर लें. पीएम मोदी ने हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर समेत 60 साल से अधिक उम्र के लोग, जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें कोविड-19 वैक्सीन का प्रिकॉशनरी डोज देने का ऐलान किया था.
इस बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक लेटर जारी करते हुए कहा है कि, वे सभी नागरिक जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है और किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं व कोविड-19 वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं, उन्हें 10 जनवरी 2022 से डॉक्टर्स की सलाह पर वैक्सीन का प्रिकॉशनरी डोज दिया जाएगा.
इस लेटर में बताया गया है कि, 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोग, जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें वैक्सीन का प्रिकॉशन डोज लेने के लिए डॉक्टर की ओर से किसी भी तरह का सर्टिफिकेट दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी. हालांकि अगर वे चाहें तो वैक्सीन का प्रिकॉशन डोज लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं.
दरअसल इससे पहले केंद्र सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को वैक्सीन का तीसरा डोज देने के लिए डॉक्टर का प्रिसकिप्शन या सर्टिफिकेट के विकल्प पर विचार किया था लेकिन इससे टीकाकरण की प्रक्रिया में बाधा आने की संभावना बनने लगी थी. 10 जनवरी से बुजुर्ग लोगों के साथ-साथ स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंट लाइन वर्कर को भी वैक्सीन का प्रिकॉशन डोज दिया जाएगा. हालांकि, कुछ मामलों में इन वर्कर को रोजगार प्रमाण पत्र दिखाने की आवश्यकता पड़ सकती है.
बता दें कि कोविड-19 वैक्सीन का तीसरा डोज, सिर्फ उन्हीं लोगों को दिया जाएगा जिन्हें टीके की दूसरी खुराक लिए हुए 9 महीने हो गए हैं. कोरोना वैक्सीन का प्रिकॉशन डोज लेने के लिए दूसरे और तीसरी खुराक के बीच 9 माह का अंतर होना अनिवार्य है. इसके अलावा 3 जनवरी से 15 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन अभियान शुरू होगा.