हैदरपुरा मुठभेड़ को लेकर हुई जांच पर सियासी दलों की तरफ से सवाल उठाए जाने पर जम्मू-कश्मीर डीजीपी दिलबाग सिंह (DGP Dilbag Singh) ने दुख जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि जांच पर सवाल उठाना गैर जिम्मेदाराना है. शुक्रवार को उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश की पुलिस से जुड़ी कई जानकारियां दी. इनमें कोरोना वायरस संक्रमण, आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के आंकड़े शामिल हैं. हाल ही में जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) और महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने एसआईटी रिपोर्ट (SIT Report) पर सवाल उठाए थे.
शुक्रवार को प्रेस वार्ता के दौरान, डीजीपी सिंह ने कहा, ‘हमें दुख होता है, यह उन लोगों की तरफ से गैर जिम्मेदाराना है, जो जमीनी हकीकत के बारे में कुछ नहीं जानते हैं. हमारे पास जांच दल है, वे उनके पास सबूतों के साथ जा सकते हैं.’ श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉक्टर अब्दुल्ला ने कहा, ‘पुलिस रिपोर्ट झूठी है. पुलिस ने यह खुद को बचाने के लिए किया है. वे पुलिस द्वारा मारे गए हैं और इसमें कोई शक नहीं है. इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए.’
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष मुफ्ती ने ट्वीट किया था ‘अलग-अलग सियासी दलों की तरफ से एसआईटी रिपोर्ट पर की गई टिप्पणियां केवल अटकलें नहीं हैं. उनमें तथ्य हैं. सच्चाई के सामने आने से प्रशासन की नाराजगी जाहिर है. हमें ‘दंडात्मक कार्रवाई’ की चेतावनी देने से काम नहीं चलेगा.’
शुक्रवार को पुलिस अधिकारी ने क्षेत्र में नशे और हथियार की तस्करी पर भी चर्चा की. सिंह के अनुसार, सीमा पार से हथियार और नारकोटिक्स भेजने की कोशिश हो रही है. उन्होंने बताया कि हम उसको गंभीरता से ले रहे हैं. उन्होंने जानकारी दी कि आतंकियों की घुसपैठ के लिए सीमा पार से टनल का प्रयोग किया जा रहा है. इस साल हमने कई टनल बरामद की हैं और सीमा पार से जो ड्रोन से हथियार गिराने की साजिश थी उसको भी विफल किया है.
उन्होंने बताया कि कई नारकोटिस की बड़ी खेप बरामद की है क्योंकि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और पाकिस्तानी सरकार सीमा पार से ड्रोन अन्य तकनीक से हथियार और नारकोटिक्स जम्मू-कश्मीर में भेज रहे हैं. सिंह ने जानकारी दी है कि इस साल 100 सफल ऑपरेशन्स को अंजाम दिया गया है और 44 शीर्ष आतंकियों को ढेर किया है.
क्या था मामला
भाषा के अनुसार, हैदरपुरा में 15 नवंबर को मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी एवं तीन अन्य व्यक्ति मारे गये थे. पुलिस ने दावा किया था कि मारे गये सभी व्यक्तियों का आतंकवाद से संबंध था. हालांकि इन तीन व्यक्तियों के परिवारों ने दावा किया था कि वे बेगुनाह थे और उन्होंने इस मुठभेड़ में गड़बड़ी का आरोप लगाया था. उसके बाद पुलिस ने जांच का आदेश दिया था. मंगलवार को एसआईटी के प्रमुख उपमहानिरीक्षक सुजीत के सिंह ने एक प्रकार से सुरक्षाबलों को क्लीनचिट दी लेकिन यह भी कहा कि यदि कोई अन्य सबूत सामने आता है तो यह दल अपने निष्कर्ष पर पुनर्विचार करने को तैयार है.