प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 26 जनवरी और 15 अगस्त के समारोहों में अब तक अक्सर चटक साफों में नजर आते रहे हैं. लेकिन इस बार उन्होंने एक खास टोपी पहनी थी. इसके बारे में जो खबरें आईं, उनमें बताया गया कि यह उत्तराखंड की टोपी (Headgear of Uttarakhand) है. सच है, लेकिन सिर्फ एक पहलू वाला. क्योंकि इसकी पूरी सच्चाई उत्तराखंड की पहचान (Uttarakhand Identity) और वहां हो रहे विधानसभा चुनावों (Uttarakhand Assembly Elections) से होकर भी गुजरती है. लिहाजा, इस बारे में और जानना तो बनता है.
टोपी जो 2017 में आई और 2022 में छा गई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने जो टोपी पहनी, दरअसल वह उत्तराखंड की परंपरागत पहचान नहीं है. हां, बन जरूर सकती है. प्रधानमंत्री के सिर पर रखे जाते ही यह उस दिशा में बढ़ भी चली है. यह टोपी मसूरी, उत्तराखंड (Uttarakhand) के एक स्थानीय हस्तशिल्प कलाकार समीर शुक्ला ने और उनकी पत्नी ने डिजाइन की है. इसे उन्होंने 2017 में उत्तराखंड की स्थापना दिवस (Foundation Day) के मौके पर आम लोगों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया. इसे ‘ब्रह्मकमल टोपी’ (Brahma Kamal Cap) नाम दिया. इसलिए क्योंकि ब्रह्मकमल उत्तराखंड का राजकीय पुष्प है. तब से अब तक, जैसा कि समीर ने खुद न्यूज18हिंदी (News18Hindi) को बताया है, ‘बीते 5 साल में करीब 8,000 ब्रह्मकमल टोपियां बेच चुके हैं.’ हालांकि प्रधानमंत्री द्वारा इसे पहने जाने के बाद उन्हें इसकी लोकप्रियता बढ़ने की पूरी उम्मीद है क्योंकि देशभर में इसका चर्चा तो हो ही चुका है. मतलब यह अब छा जाने के लिए पूरी तरह तैयार है.
ब्रह्मकमल टोपी से जुड़ा कलाकार का मकसद क्या
समीर इस ‘ब्रह्मकमल टोपी’ (Brahma Kamal Cap) को डिजाइन करने का मकसद बताते हैं, ‘पहाड़ी इलाकों में लोग आज भी सिर पर खास तरह की टोपियां पहनना पसंद करते हैं. यह उन्हें अलग पहचान देती है. साथ ही विपरीत मौसम में सिर को सुरक्षा भी. हमारे उत्तराखंड में गढ़वाल का जो इलाका है, वहां आम तौर पर काली या सफेद रंग की ‘नेहरू टोपी’ पहनी जाती है. जबकि जौनसाल क्षेत्र में लोग ‘हिमाचली टोपी’ पहनते हैं. मतलब, हमारे पास अपनी पहचान बताने वाली कोई टोपी नहीं थी. इसीलिए हमने यह नई टोपी डिजाइन करने के बारे में सोचा. इसके डिजाइन में हमने ध्यान में रखा कि यह ऐसा हो कि युवा लोग भी इसे खुशी-खुशी पहन सकें.’
और इससे भाजपा तथा प्रधानमंत्री का क्या मकसद जुड़ा
देहरादून के एक युवा कारोबारी रमन शैली शहर में ‘पहाड़ी स्टोर’ चलाते हैं. उनके स्टोर में ‘ब्रह्मकमल टोपी’ (Brahma Kamal Cap) भी जगह पाती है. वे बताते हैं, ‘भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक वरिष्ठ सांसद ने जब मुझसे इसके बारे में पूछा तो मुझे कुछ अटपटा लगा. लेकिन फिर जल्द ही समझ आ गया कि वे इसे प्रमोट करना चाहते हैं. उन्हीं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उनके कार्यालय तक इसके बारे में जानकारी पहुंचाई. और फिर उसे प्रधानमंत्री मोदी ने उसे 26 जनवरी के दिन पहना भी.’ इसके पीछे छिपे मकसद के बारे में सवाल करने पर शैली कहते हैं, ‘निश्चित ही प्रधानमंत्री उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे हिमालयीन क्षेत्र के हस्तशिल्प कलाकारों को संदेश देना चाहते होंगे. उन्हें प्रोत्साहित करना चाहते होंगे. और ये अच्छी बात भी है. हम अब अपने हस्तशिल्प कारोबार के लिए ‘अच्छे दिनों’ की उम्मीद कर रहे हैं.’