रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) में यूक्रेन की सबसे अधिक सहायता देने वाले देशों में ब्रिटेन सबसे आगे है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के हालिया कीव दौरे से व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) बेहद गुस्से में हैं. रूस ने यूक्रेन में ब्रिटेन के दो लड़ाकों को पकड़ कर उसे गहरा सदमा दिया है.
ब्रिटेन युद्ध की शुरुआत से ही यूक्रेन की हर संभव मदद करता रहा है. अब ब्रिटेन ने यूक्रेन को अत्याधुनिक स्टॉर्मर मिसाइल लॉन्चर देने की योजना बनाई है. ये मिसाइल लॉन्चर रूस के लड़ाकू जहाजों और हेलिकॉप्टरों को निशाना बनाने में यूक्रेन की बेहद अहम मदद करेंगे. रक्षा विशेषज्ञों को मुताबिक, पश्चिम देशों की ओर से यूक्रेन को ये अब तक की सबसे घातक सैन्य मदद होगी.
13 टन के इस सैन्य वाहन को चलाने के लिए सिर्फ तीन लोगों की जरूरत होती है. इसमें एक ड्राइवर, कमांडर और गनर शामिल होते हैं. इसे ट्रांसपोर्ट प्लेन में लाद कर कुछ ही दिनों में यूक्रेन भेजा जा सकता है. एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के डेलीगेशन ने करीब दो हफ्ते पहले स्टॉर्मर मिसाइल लॉन्चर को मुआयना भी किया था.
स्टॉर्मर मिसाइल लॉन्चर को कंधे पर रखकर या टैंकर में रखकर दागा जा सकता है. दागने के बाद ये तीन हिस्सों में बंट जाती है और एक साथ कई निशानों को तहस-नहस कर देती है. ये ध्वनि की गति से तीन गुना अधिक तेजी से चलती है और कम ऊंचाई पर उड़ रहे दुश्मनों के जहाजों को मार गिरा सकती है.
नाम-स्टॉर्मर एचएमवी( हेवी वेलोसिटी मिसाइल)
मिसाइल की संख्या- 8( हर एक तीन अलग-अलग हिस्सो में बंट जाती है) गाड़ी के अंदर 8 ओर मिसाइल रहती हैं.
लोगों की आवश्यकता-3
वजन- 13.5 टन
लंबाई- 5.6 मीटर
चौड़ाई- 2.8 मीटर
ऊंचाई- 3.4 मीटर
अधिकतम गति- 50 मील प्रति घंटा
यूक्रेन युद्ध के चलते रूस-ब्रिटेन की दुश्मनी चरम पर
रूस के हमला करने के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन यूरोप और पश्चिम देशों के पहले बड़े नेता थे, जिन्होंने कीव का सीक्रेट दौरा कर सारी दुनिया को भौचक्का कर दिया. बोरिस जॉनसन के उस सीक्रेट दौरे ने पुतिन को सदमे में ला खड़ा किया था.
रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद ही ब्रिटेन यूक्रेन को सैनिक साजो सामान देने के साथ ही हर मुद्दे पर उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है. डिफेंस एक्सपर्ट के मुताबिक यूक्रेन का लगातार साथ देने से पुतिन ब्रिटेन से बेहद नाराज हैं.
हाल ही में रूस की फौज से ब्रिटेन के दो लड़ाको को यूक्रेन में जंग के दौरान पकड़ा है. इसके बाद इन लड़ाकों के वीडियो रूस के टीवी चैनलों में दिखाकर ब्रिटेन पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ाने की कोशिश की गई.