चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई देश की कोरोना राजधानी (Covid cases in China)भी बनती जा रही है. बुधवार को चीन में 1,908 कोविड पॉजिटिव सामने आए, जिनमें 1,661 अकेले शंघाई से हैं. शंघाई में 52 लोगों की कोरोना से मौत की खबर सामने आई है. तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने राजधानी बीजिंग में 2 करोड़ लोगों की कोरोना जांच का आदेश दिया है. इन सबके बीच चीन का एक ऐसा ही छोटा सा शहर भी जीरो-कोविड पॉलिसी से जूझ रहा है. यहां 9वीं बार लॉकडाउन लगा दिया गया है.
इस शहर का नाम रुइली (Ruili) है, जो चीन की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर पड़ता है. ये शहर चीन और म्यांमार के बीच कारोबार का बड़ा केंद्र है. यहां कई हफ्तों से लॉकडाउन लगा है. इस कारण यहां से 2 लाख लोग अब शहर छोड़कर जाने को मजबूर हो गए हैं.
जब से कोरोना महामारी शुरू हुई है, तब से यहां 9वीं बार लॉकडाउन लगाया गया है. अब तक यहां 160 दिन से भी ज्यादा समय तक लॉकडाउन लग चुका है. रुइली के एक होटल में काम करने वाले यैंग ने न्यूज एजेंसी को बताया कि यहां की अर्थव्यवस्था बिगड़ चुकी है. महामारी के कारण अक्सर यहां लॉकडाउन लगा दिया जाता है और कई सारे कारोबारी यहां से लोंगचुआन, पिंगजियांग और तेंगचोंग जा चुके हैं.
लोगों को 7 दिन तक होम क्वारैंटाइन का फरमान
यैंग कहते हैं कि वो भी यहां से जाना चाहते हैं लेकिन अभी 7 दिन तक घर पर क्वारैंटाइन हैं और यहां से निकलने के लिए उन्हें निगेटिव रिपोर्ट की जरूरत होगी.
शंघाई के घरों में 2.5 करोड़ लोग बंद
शंघाई के 2.5 करोड़ लोग घरों में इसी तरह बंद हैं. कोरोना के कारण लॉकडाउन में यह उस चीन की हकीकत है, जो पिछले एक साल से एक तरफ कोविड से एक भी मौत नहीं बता रहा था और दूसरी तरफ उसके शहरों में लॉकडाउन की हालत थी.
चीन की अर्थव्यस्था भी बेहाल
कोरोना के बढ़ते मामलों ने चीन की अर्थव्यस्था को भी बेहाल कर दिया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) चीन की जीरो कोविड पॉलिसी का हवाला देकर देश के डेवलपमेंट ग्रोथ 4.8% से घटाकर 4.4% कर दिया है. जो चीन के 5.5% अनुमान से काफी कम है. एक साल से ज्यादा वक्त के बाद पहली देश की खपत में गिरावट आई है. जबकि, 31 शहरों में बेरोजगारी रिकॉर्ड पर पहुंच गई है. एक्सपर्ट्स इस तिमाही में मंदी का अनुमान लगा रहे हैं.