छत्तीसगढ़

स्कूल खुलते ही विद्यार्थियों के बनेंगे जाति-निवास-आमदनी प्रमाण पत्र

जिले में स्कूल खुलते ही उन विद्यार्थियों और पालकों को बड़ी राहत मिलेगी, जो जाति, निवास और आमदनी प्रमाण पत्र के लिए पटवारी, तहसील और चॉइस सेंटर का चक्कर काटकर परेशान होते हैं। कलेक्टर श्री जितेंद्र कुमार शुक्ला ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए न सिर्फ इन्हें शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं से लाभान्वित करने का प्रयास किया है, अपितु उन्होंने इन वर्ग के विद्यार्थियों और पालकों को जाति, निवास तथा आमदनी प्रमाण पत्र बनवाने में होने वाली परेशानियों को दूर करने का निर्णय लिया है। कलेक्टर ने स्कूल खुलते ही सप्ताह भर के भीतर आवेदन भरने की प्रक्रिया प्रारंभ करने और विद्यार्थियों को जाति, निवास और आमदनी प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश अधिकारियों को दिए है।
कलेक्टर श्री जितेंद्र कुमार शुक्ला ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है कि स्कूल खुलते ही एडमिशन की प्रक्रिया प्रारंभ होने के साथ प्रमाण पत्र बनाने की कार्यवाही शुरू करें। जैसे ही एडमिशन प्रारंभ होगी, विद्यार्थियों से जाति, निवास और आमदनी प्रमाण पत्र हेतु आवश्यक दस्तावेज भी संकलित की जाएगी। यह प्रक्रिया स्कूल स्तर पर प्राचार्यों की जिम्मेदारी होगी। दस्तावेज संकलन के पश्चात संबंधित क्षेत्रों के पटवारी आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। इसके पश्चात संबंधित तहसीलदार और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व प्रमाणपत्र जारी करेंगे।
कलेक्टर ने यह भी सुनिश्चित करने कहा है कि जाति, निवास और आमदनी प्रमाण पत्र हेतु आवेदन वितरण और संकलन की सम्पूर्ण जिम्मेदारी स्कूल की होगी। उन्होंने तहसीलदारों और एसडीएम को भी आवश्यक निर्देश देते हुए इसका गंभीरता से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी और प्राचार्यों को निर्देशित किया है कि स्कूलों में दाखिला लेने वाले समस्त पात्र व आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों का दस्तावेज पूराकर प्रमाणपत्र जारी किया जाए। इन वर्ग के विद्यार्थियों या पालकों को तहसील या चॉइस सेंटर में जाने की आवश्यकता न पड़े यह भी पूरी तरह से सुनिश्चित की जाए।
शासन की योजनाओं का लाभ दिलाना हमारी प्राथमिकता: कलेक्टर
कलेक्टर श्री जितेंद्र कुमार शुक्ला ने जिले के सभी स्कूलों में जाति, निवास और आमदनी प्रमाणपत्र बनाने के निर्देश देते हुए कहा है कि शासन की योजनाओं का लाभ उठाने में इन प्रमाणपत्रों की आवश्यकता होती है। कई बार पालक या विद्यार्थियों को अनावश्यक पैसे खर्च करने पड़ते हैं और कार्यालयों के चक्कर भी काटने पड़ते हैं। शासन द्वारा जाति, निवास और अन्य प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया आसान बनाई गई है। हमारी भी कोशिश है कि जिले के किसी भी पात्र या आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र के लिए भटकना न पड़े, इसलिए स्कूल स्तर पर ही प्रमाणपत्र जारी कर दिए जाने से उन्हें छात्रवृत्ति प्राप्त करने के साथ उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश व अन्य योजनाओं में भी आसानी से लाभ होगा। कलेक्टर ने सभी पालकों और विद्यार्थियों को इस पहल का लाभ उठाने की अपील की है।
आश्रम-छात्रावास में हो पर्याप्त व्यवस्था
कलेक्टर ने स्कूल संचालन के साथ ही जिले के सभी आश्रम और छात्रावासों में पर्याप्त सुविधाएं सुनिश्चित करने के साथ समय पर मीनू के अनुसार भोजन वितरण, पेयजल की व्यवस्था और साफ सफाई के साथ शौचालय आदि को ठीक करने के निर्देश दिए। उन्होंने आश्रम, छात्रावासों में पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।

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