साइबर अपराध रोकने, महिलाओं की सुरक्षा और तटीय सुरक्षा सुनिश्चित करने सहित आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों पर मंथन के लिए हरियाणा के सूरजकुंड में सभी राज्यों के गृह मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन गुरुवार से जारी है. स्टेट्स होम मिनिस्टर्स की इस बैठक को ‘चिंतन शिविर’ नाम दिया गया है, जिसमें गुरुवार को जहां अमित शाह ने संबोधित किया, वहीं आज इस सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे. गृह मंत्रियों के इस चिंतन शिविर को पीएम मोदी वर्चुअल तरीके से संबोधित करेंगे.
सूरजकुंड में आयोजित इस चिंतन शिविर में सभी राज्यों के गृह मंत्री शिरकत कर रहे हैं. इतना ही नहीं, राज्यों के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के महानिदेशक भी इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. अधिकतर राज्यों में गृह विभाग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के पास है. अधिकारियों ने बताया कि इस ‘चिंतन शिविर’ का उद्देश्य ‘विजन 2047’ और ‘पंच प्रण’ को लागू करने के लिए खाका तैयार करना है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से की थी.
अधिकारियों की मानें तो ‘चिंतन शिविर’ में साइबर अपराधों के प्रबंधन के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र के विकास, पुलिस बलों के आधुनिकीकरण, आपराधिक न्याय प्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में वृद्धि, महिला सुरक्षा, तटीय सुरक्षा, भूमि सीमा प्रबंधन और अन्य आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. अधिकारी ने बताया कि ‘2047 तक विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ‘नारी शक्ति’ की भूमिका महत्वपूर्ण है और महिलाओं की सुरक्षा और उनके लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने पर विशेष जोर दिया जाएगा.
सम्मेलन का उद्देश्य उपरोक्त क्षेत्रों में राष्ट्रीय नीति निर्माण और बेहतर योजना एवं समन्वय की सुविधा प्रदान करना भी है. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ‘चिंतन शिविर’ में छह सत्रों में विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी. शिविर के पहले दिन होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा, आग से सुरक्षा और शत्रु संपत्ति आदि कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया. वहीं, दूसरे दिन साइबर सुरक्षा, मादक पदार्थों की तस्करी, महिला सुरक्षा और सीमा प्रबंधन जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
अधिकारि ने बताया कि चिंतन शिविर में मादक पदार्थों की तस्करी विषय को लेकर एनडीपीएस अधिनियम, ‘कमेटी ऑफ नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर’ (एन्कॉर्ड, निदान) और नशामुक्त भारत अभियान पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा. इसके अलावा, भूमि सीमा प्रबंधन और तटीय सुरक्षा विषयों के तहत सीमाओं की सुरक्षा और सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास पर चिंतन किया जाएगा. शिविर में ‘इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम’ (आईसीजेएएस), ‘क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स’ (सीसीटीएनएस) और एनएएफआईएस, आईटीएसएसओ और एनडीएसओ तथा क्राई-मैक जैसे आईटी मॉड्यूल का उपयोग करके प्रौद्योगिकी-आधारित जांच द्वारा दोषसिद्धि दर बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा.
इसके अलावा, सेफ सिटी प्रोजेक्ट, 112 एकल आपात प्रतिक्रिया प्रणाली, जिलों में मानव तस्करी-रोधी इकाई, पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क और मछुआरों के लिए बायोमेट्रिक पहचान पत्र जैसी पहलों पर भी चर्चा की जाएगी. विभिन्न विषयों पर आयोजित सत्रों का मकसद इन मुद्दों पर राज्य सरकारों की सहभागिता को प्रोत्साहित करना है. चिंतन शिविर में सभी राज्यों के गृह मंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों को आमंत्रित किया गया है.