छत्तीसगढ़

खरसिया सीट से आज तक चुनाव नहीं हारी कांग्रेस, जानें इस बार का समीकरण

कांग्रेस ने रायगढ़ जिले के केवल एक विधानसभा खरसिया के लिए उम्मीदवार की घोषणा की है. उमेश नंदकुमार पटेल को एक बार फिर से मैदान में उतारा गया है. बीते चुनाव में भी उमेश पटेल को ही प्रत्याशी बनाया गया था और उन्होंने जीत दर्ज की थी. दूसरी ओर बीजेपी ने एक महीने पहले ही खरसिया विधानसभा सीट के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिया है. इस विधानसभा सीट की खासियत यह है कि 1977 यानी जब से खरसिया विधानसभा का आविर्भाव हुआ, तब से अब तक यहां कोई रिकॉर्ड नहीं टूटा है. यहां केवल कांग्रेस का ही कब्जा रहा है. अब तीसरी बार उमेश पटेल को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी घोषित किया गया है. बीजेपी की ओर से महेश साहू को प्रत्याशी बनाया गया है.

1977 में खरसिया विधानसभा का आविर्भाव हुआ था. तब से अब तक यहां कांग्रेस का ही कब्जा रहा है. उस दौर में 1977 से 1985 तक यहां कांग्रेस के लक्ष्मी प्रसाद पटेल विधायक रहे. इस दौरान 1988 में अविभाजित मध्यप्रदेश के सीएम बनाए गए अर्जुन सिंह के लिए लक्ष्मी प्रसाद पटेल ने सीट छोड़ दी थी और यहां हुए उप चुनाव में अर्जुन सिंह चुनाव जीते थे. इसके बाद 1990 से 2013 तक लगातार नंदकुमार पटेल विधायक रहे. वे अविभाजित मध्यप्रदेश में गृह मंत्री भी रहे. 2008 के बाद उनको पीसीसी अध्यक्ष बनाया गया था. जब उन्होंने पूरे प्रदेश में परिवर्तन यात्रा निकाला था. इसी दौरान मई 2013 में परिवर्तन यात्रा पर नक्सली हमले में नंदकुमार पटेल और उनके बड़े पुत्र दिनेश पटेल शहीद हो गए थे.

इसके बाद 2013 में उमेश पटेल को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत हासिल की. इसके बाद 2018 में भी उन्होंने जीत दर्ज की और कांग्रेस की सरकार बनी तो उनको उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया. अब तीसरी बार उनको चुनावी रण में उतारा गया है. बीजेपी की ओर से खरसिया विधानसभा के लिए महेश साहू को प्रत्याशी घोषित किया गया है.

यहां कब कौन रहे विधायक

1977 में खरसिया विधानसभा बना था. यहां जब पहली चुनाव 1977 में हुआ तो कांग्रेस की ओर से लक्ष्मी प्रसाद पटेल ने जीत दर्ज की थी. इस दौर में जनता पार्टी की ओर से डॉ शत्रुहन लाल पटेल को प्रत्याशी बनाया गया था. इसके बाद 1980, 1985 में खरसिया विधानसभा से कांग्रेस के लक्ष्मी प्रसाद पटेल ही विधायक रहे. 1988 में अर्जुन सिंह के लिए लक्ष्मी प्रसाद पटेल ने सीट छोड़ दी थी और अर्जुन सिंह चुनाव जीते थे. इसके बाद 1990 से 2008 तक लगातार नंदकुमार पटेल विधायक रहे. मई 2013 में परिवर्तन यात्रा के दौरान नक्सली हमले में वे शहीद हो गए थे. इसके बाद 2013 विधानसभा चुनाव में उनके छोटे पुत्र उमेश पटेल को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था. 2018 में भी उमेश पटेल प्रत्याशी रहे और उन्होंने जीत हासिल किया था. अब फिर से कांग्रेस ने उमेश पटेल को यहां से प्रत्याशी घोषित किया है.

मध्यप्रदेश को खरसिया ने दिया था सीएम

एमपी के दौर में खरसिया विधानसभा के मतदाताओं ने मुख्यमंत्री भी दिया था. इसके लिए यहां 1988 में उप चुनाव हुआ था, जिसमें तत्कालीन सीएम अर्जुन सिंह ने जीत दर्ज की थी. उस दौरान इस सीट में लक्ष्मी प्रसाद पटेल विधायक थे. उन्होंने अर्जुन सिंह के लिए सीट छोड़ दी थी.

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