बिहार की सियासत में काफी दिलचस्प रहती है। बिहार के सियासत में कब क्या हो जाएगा, यह सभी को चौंका सकता है। हाल में ही नीतीश कुमार ने महागठबंधन को छोड़कर एनडीए में शामिल हो गए और नवी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। महागठबंधन में नीतीश कुमार राजद, कांग्रेस के साथ सरकार चला रहे थे। तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री थे। हालांकि नीतीश कुमार ने पलटी मारते हुए भाजपा का दामन थामा जिसके बाद वह राजद कार्यकर्ताओं के निशाने पर आ गए हैं। राजद कार्यकर्ता लगातार नीतीश कुमार को पलटू राम कह रहे हैं।
इन सबके बीच यह भी दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार आगे भी कभी पलटी मारते हुए लालू खेमे में जा सकते हैं। ऐसे में इसी को लेकर लालू यादव से सवाल पूछा गया। लालू यादव ने भी सधे अंदाज में जवाब दिया है। नीतीश कुमार को दोबारा मौका देने पर बिहार के पूर्व सीएम और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव कहते हैं, “…’अब आएंगे तो देखेंगे, खुला ही रहता है दरवाजा’…।” इससे पहले गुरुवार को नीतीश कुमार द्वारा महागठबंधन (महागठबंधन) को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ जाने के कुछ दिनों बाद, नीतीश को बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ गर्मजोशी का आदान-प्रदान करते देखा गया।
लालू यादव के साथ उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी विधानसभा सचिवालय पहुंचीं, जब उनकी मुलाकात कट्टर प्रतिद्वंद्वी नीतीश कुमार से हुई। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया। वर्षों बाद लालू यादव विधानसभा में पहुंचे थे। जब नीतीश कुमार और लालू की मुलाकात हुई तो इस दौरान दोनों के चेहरे पर मुस्कान रही। नीतीश ने सामने से आकर लालू यादव का अभिवादन किया। इस दौरान दोनों ने हल्की मुस्कान दी। कुछ बातचीत भी हुई। लालू के साथ पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे। जब राजद और नीतीश कुमार के रिश्तों में कड़वाहट देखने को मिली थी तब हमने देखा था कि कैसे नीतीश और तेजस्वी के बीच दूरियां जबरदस्त रही थी।