देश राज्यों से

अयाेध्या में देशभर से भक्तों का उमड़ता सैलाब सनातन संस्कृति के प्रति गहरी आस्था को भी प्रदर्शित कर रहा है

अयाेध्या। आज 22 फरवरी है। आज से ठीक एक महीने पहले अयोध्या में भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया गया था। जिस तरह उस दिन पूरा देश अयोध्या की सड़कों पर उमड़ा हुआ था कमोबेश वैसे ही हालात आज भी हैं क्योंकि एक महीने बाद भी दर्शनार्थियों के उत्साह में कोई कमी नहीं हुई है और आस्था का ज्वार अब भी चरम पर है। यह आस्था का ज्वार सनातन संस्कृति की गहरी जड़ों और उसके प्रति लोगों की आसक्ति को भी प्रदर्शित कर रहा है।
हम आपको बता दें कि अयोध्या के राम मंदिर से 12 किलोमीटर के फासले पर दूर-दूर से लोगों को लाने वाली ‘स्लीपर’ बसें विशाल पार्किंग स्थल में प्रवेश करने के लिए सड़कों के किनारे कतारबद्ध दिखती हैं। ये बसें इस बात की गवाही देती हैं कि नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के एक महीने बाद भी ‘दर्शन’ के लिए उत्साह बरकरार है। देश के सभी हिस्सों से अपनी अनूठी पारंपरिक पोशाकों में आने वाले भक्त ‘होल्डिंग’ स्थलों पर इकट्ठा होते हैं जहां से वे इलेक्ट्रिक बसों या ई-रिक्शा से मंदिर की ओर बढ़ते हैं। ये श्रद्धालु आसपास के स्थानों से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ राम पथ पर एकत्र होते हैं जो भव्य मंदिर की ओर जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में 22 जनवरी को नवनिर्मित मंदिर में रामलला के भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह के एक महीने बाद अयोध्या में उत्सव पूरे जोर-शोर से हो रहा है, जिसमें लाखों भक्त नवनिर्मित मंदिर में भगवान राम की मूर्ति के दर्शन करने के लिए यहां पहुंच रहे हैं।
हम आपको बता दें कि अयोध्या के हृदय स्थल राम मंदिर में आस्था की हलचल का एहसास 10 किलोमीटर से भी अधिक दूर से ही होने लगता है, जहां दूर-दूर से श्रद्धालुओं को लाने वाली बसें सड़कों पर कतार में खड़ी रहती हैं। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारियों के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहले 10 दिनों में 25 लाख से अधिक भक्तों ने मंदिर में दर्शन किए। मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा, “फरवरी में हर दिन एक से दो लाख के बीच भक्त राम मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे। अब तक मंदिर में आने वाले भक्तों की अनुमानित संख्या 50-60 लाख है।” मंदिर की ओर जाते समय कुछ भक्त ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हैं, जबकि कुछ अन्य श्रद्धालु मंदिर की ओर चलते समय रामचरित मानस के दोहे गाते हैं। अधिकांश लोग अपने समूह के साथ नंगे पैर चलते हैं। सड़क के किनारे मिठाइयाँ और मंदिर के अंदर चढ़ाए जाने वाले अन्य सामान बेचने वाली छोटी दुकानें भी गुलजार हैं।
स्थानीय लोग, खासकर किशोरवय लड़के रंग से भरे छोटे गिलास लेकर सड़क के किनारे खड़े रहते हैं। भक्तों से इशारा मिलने पर वे तीर्थयात्रियों के माथे पर लगाने के लिए पीले रंग के तरल पदार्थ में तीन उंगलियां डुबोते हैं। इसके बाद वे हिंदी में ‘राम’ लिखे एक इंच लंबे ‘स्टेंसिल’ को लाल रंग के तरल पदार्थ में डुबोते हैं। अपने माथे पर भगवान राम का नाम अंकित करके, भक्त मंदिर की ओर चले जाते हैं। ऊपर से देखने पर विभिन्न पारंपरिक परिधानों में सजे लोगों का हुजूम भारत का एक संगम प्रतीत होता है। श्रद्धालुओं के परिधानों से पता चलता है कि वह किस राज्य या क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं।
पिछले एक महीने के दौरान विभिन्न पार्टियों के स्थानीय नेताओं के अलावा बॉलीवुड सितारे भी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं को दर्शन में सुविधा के लिए बनाई गई व्यवस्था के तहत मंदिर के नजदीक लगभग दो किलोमीटर चलने के बाद भक्तों की भीड़ एक कतार में बदल जाती है। भगवान राम की मूर्ति को देखने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हुए अधिकांश लोग हाथ जोड़कर खड़े रहते हैं। जहां कुछ लोग आंखें बंद करके “राम-राम” का जाप करते हैं, वहीं अन्य लोग नियमित अंतराल पर भगवान राम के नाम का जयकारा लगाते हैं। जैसे ही कतार मंदिर के अंदर प्रवेश करती है जयकारों की गूंज तेज हो जाती है और जैसे ही भक्त गर्भगृह के सामने से गुजरते हैं और भगवान राम की भव्य मूर्ति देखते हैं तो जयकारों की ध्वनि कम हो जाती है क्योंकि आंखें अपने राम को निहार रही होती हैं।
रामलला के दर्शन करने आए अधिकतर लोग यही कहते हैं कि मेरा सालों का सपना पूरा हो गया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने जीवनकाल में भगवान राम के मंदिर में दर्शन कर पाऊंगा, लेकिन मेरी इच्छा पूरी हो गई। अपने भगवान के निकट कुछ और क्षण बिताने की ख्वाहिश में गर्भगृह को पार करने के बाद भक्तों की कतार की गति थोड़ी धीमी हो जाती है। स्थानीय लोगों के अनुसार, रामलला के दर्शन के लिए दिन के समय के आधार पर कतार में एक घंटे से लेकर चार घंटे तक का समय लग सकता है।

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com