इब्राहिम रईसी ने नहीं लिया कश्मीर घाटी का नाम, शहबाज कर रहे थे दावा
इस्लामाबाद । इजरायल से टकराव और तनातनी की चरम स्थिति के बीच ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पाकिस्तान दौरे पर सोमवार को इस्लामाबाद पहुंचे, जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों देशों ने इस दौरान आपसी व्यापार और संचार बढ़ाने का फैसला लिया और आतंकवाद के खात्मे के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई। इस मुलाकात के बाद पाकिस्तान और ईरान ने एक प्रेस वक्तव्य जारी किया। पाकिस्तान ने अपने ज्वाइंट प्रेस स्टेटमेंट में दावा किया है कि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के रूख का समर्थन किया है। हालांकि, सच्चाई यह है कि मीडिया के साथ अपने बातचीत के दौरान रायसी ने एक बार भी कश्मीर का नाम नहीं लिया। पाकिस्तान के इस झूठ का खुलासा खुद कई वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकारों ने किया है।
उन्होंने कहा है कि ईरानी राष्ट्रपति ने अपने पूरे बयान में एक बार भी कश्मीर का नाम नहीं लिया। पाक ने प्रेस स्टेटमेंट में कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दौरे पर आए ईरान के राष्ट्रपति के समक्ष कश्मीर मुद्दा उठाया। कश्मीर मुद्दे का समर्थन करने के लिए ईरान के राष्ट्रपति को धन्यवाद भी दिया। हालांकि, ईरान के राष्ट्रपति ने गाजा पट्टी का जिक्र करते हुए सिर्फ इतना कहा कि उनका देश उत्पीडऩ के खिलाफ सभी यूएनएससी प्रस्तावों के साथ है।
ईरान-पाक की बढ़ी दोस्ती के बीच यूएस की स्ट्राइक
अमरीका ने ईरान और पाक को दुश्मन से दोस्त बनता देख पाकिस्तान पर बड़ी कार्रवाई की है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमरीका ने पाकिस्तान में बैलेस्टिक मिसाइल के निर्माण के लिए सामान उपलब्ध कराने वाली चीन की तीन और बेलारूस की एक कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा है कि उनका देश वैसी चार कंपनियों पर बैन लगा रहा है जो बड़े पैमाने पर तबाही फैलाने वाले हथियारों के निर्माण और उनके प्रसार में शामिल रहे हैं। इन कंपनियों में चीन की जियांग लॉन्ग टेक्नोलॉजी डिवेपमेंट कंपनी लिमिटेड, तियानजिंग क्रिएटिव इंटरनेशनल ट्रेड कंपनी लिमिटेड और ग्रीनपैक्ट कंपनी लिमिटेड है। इनके अलावा बेलारूस की कंपनी मिंस्क व्हील ट्रैक्टर प्लांट पर भी अमरीका ने प्रतिबंध लगाया है।