सबस्टीट्यूट कैंडीडेट की याचिका खारिज, पूर्व मंत्री रावत ने थामा बीजेपी का दामन
भोपाल। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। मध्य प्रदेश में ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले सूरत में प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया, तो वहीं इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी ने नामांकन वापस ले लिया। अब कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री रामनिवास रावत ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। रामनिवास सूबे के सीएम मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और न्यू जॉइनिंग टोली के प्रदेश संयोजक नरोत्तम मिश्रा की उपस्थिति में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उनका स्वागत किया। वहीं इंदौर में कांग्रेस के सबस्टिट्यूट कैंडीडेट मोती पटेल की याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट ने मोती पटेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्रेन की वेटिंग टिकट का हवाला दिया। हाई कोर्ट ने साफ किया कि अगर टिकट वेटिंग लिस्ट की है और वह कन्फर्म नहीं होती है तो फिर टिकट अपने आप ही कैंसिल हो जाती है। ऐसे में जो भी यात्री है, उसे एक जनरल टिकट भी लेकर यात्रा करनी चाहिए, ताकि वह बिना फाइन यात्रा कर सके।
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता मोती पटेल को चुनाव आयोग के पास जाने का सुझाव भी दे दिया। दरअसल, कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम के नामांकन वापसी के बाद से डमी कैंडीडेट मोती पटेल ने हाई कोर्ट का रुख किया था। अपनी याचिका में मोती पटेल ने कहा था कि नियमानुसार कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन यदि निरस्त हो जाता है या वे नाम वापस ले लेते हैं तो डमी प्रत्याशी ही अधिकृत प्रत्याशी माना जाता है। बम ने नामांकन वापस लिया है तो उन्हें कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार के रूप में चुनाव लडऩे का अधिकार है। हालांकि कोर्ट ने उनके इस तर्क को नहीं माना और याचिका खारिज कर दी।