भाजपा नेता गणेश नाइक हुए बागी; निर्दलीय उतरने को तैयार, मनाने पर जमकर बवाल
मुंबई । महाराष्ट्र की ठाणे लोकसभा सीट से एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना को मौका मिला है। भाजपा ने इस सीट पर समझौता कर लिया था, लेकिन इसके चलते उसके ही नेता बागी हो गए हैं। ठाणे से एकनाथ शिंदे गुट ने नरेश म्हास्के को मैदान में उतारा है, लेकिन इसके चलते अनुशासित कही जाने वाली भाजपा के नेता गणेश नाइक बागी हो गए हैं। गणेश नाइक ठाणे इलाके के प्रभावशाली नेता हैं। अब उनके समर्थक अड़ गए हैं कि उन्हें चुनाव में उतर जाना चाहिए।
एक मीटिंग भी की गई है और अब उनके बेटे संजीव नाइक को उतारने का प्लान बन चुका है। गणेश नाइक समर्थकों का कहना है कि वह महीनों से चुनाव की तैयारी कर रहे थे। ऐसे में इस सीट से एकनाथ शिंदे गुट को मौका देकर पार्टी ने गलती की है। इस फैसले की वजह से पार्टी के कई पूर्व पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार को यह बगावत चरम पर पहुंच गई, जब नाइक के कई वफादार उनके दफ्तर पर पहुंचे। इस दौरान नाइक अपने बेटों संजीव और संदीप के साथ मौजूद थे। उन्होंने अपने समर्थकों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने और अपने इस्तीफे सौंप दिए। यही नहीं इन समर्थकों के बारे में जानकारी मिली तो एनडीए प्रत्याशी नरेश म्हास्के और विधायक प्रताप सरनाइक भी मौके पर पहुंचे। दोनों नेताओं ने नाइक समर्थकों को समझाने की कोशिश नहीं की। खबर है कि धक्कामुक्की भी हुई। अंत में सरनाइक और म्हास्के अलग-अलग ही वहां से निकल गए।
समर्थक बोले, पार्टी को ताकत दिखाने के लिए उतरना होगा
एक अन्य पूर्व पार्षद प्रकाश मोरे ने कहा कि हम लोग संजीव नाइक की उम्मीदवारी के लिए मेहनत कर रहे थे। हमने किसी दूसरे नेता विरोध नहीं किया था। फिर भी नरेश म्हास्के और उनके समर्थक लगातार नाइक का विरोध कर रहे थे। ऐसा करना तो गलत है। गठबंधन धर्म ऐसा करने को नहीं कहता। उन्होंने कहा कि नाइक परिवार हम लोगों से बात कर रहा है। फिर हमारी जिद है कि पार्टी को ठोस संदेश देने के लिए वे चुनाव में उतर जाएं। हमारी उम्मीद है कि निर्दलीय भी संजीव नाइक चुनाव में जीत हासिल कर लेंगे।