जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी का दावा, लैंडर ने भेजी तस्वीरें
टोक्यो । पिछले साल अगस्त महीने में भारत के चंद्रयान-3 को तब बड़ी सफलता मिली, जब चंद्रमा के दक्षिणी धु्रव पर सफल लैंडिंग हुई थी। दुनियाभर से इसरो की प्रशंसा की गई। इसके बाद जापान ने अपना मून मिशन लॉन्च किया। हालांकि, लैंडिंग मन मुताबिक नहीं हुई, जिसकी वजह से माना जाने लगा कि जापान का चंद्रयान ज्यादा समय तक चांद पर जिंदा नहीं रह सकेगा, लेकिन तीसरी बार उसने चमत्कार कर दिया है।
जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के अनुसार, उसका स्नाइपर लैंडर यानी कि जापान का चंद्रयान तीसरी बार जिंदा हो गया है। उसने तस्वीरें भी भेजी हैं। चंद्रमा पर 14 दिनों तक अंधेरा रहता है और तापमान के काफी नीचे चले जाने की वजह से मून मिशन्स के ज्यादा लंबे समय तक चलने की उम्मीद नहीं रह।
कठोर परिस्थिति के लिए नहीं हुआ था डिजाइन
जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के अनुसार, जापान के मून स्नाइपर लैंडर ने तीसरी बार बाधाओं को पार किया है और वह ऐसी कठोर परिस्थितियों को सहन करने के लिए डिजाइन नहीं किया गया था। इसके बाद भी वह चंद्रमा की एक लंबी और ठंडी रात में भी जीवित रह गया।