नई दिल्ली
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के 31 मई के आसपास केरल पहुंचने की संभावना है, इसी आधार पर अन्य राज्यों के लिए मॉनसून की चाल तय होगी. जो भारत की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए चार महीने के बारिश के मौसम के लिए मंच तैयार करेगा. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 31 मई को केरल में पहुंच सकता है. हालांकि, इसमें चार दिनों के आगे या पीछे होने की संभावना बनी रहती है.
IMD के पूर्वानुमान के मुताबिक, इस साल केरल में मॉनसून की शुरुआत 27 मई और 4 जून, 2024 के बीच हो सकती है. केरल में मॉनसून आने की सामान्य तारीख 1 से 4 जून तक है. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बुधवार को कहा, "यह जल्दी नहीं है. यह सामान्य तारीख के करीब है क्योंकि केरल में मॉनसून की शुरुआत की सामान्य तारीख 1 जून है."
19 मई तक अंडमान और निकोबार में दस्तक
इससे पहले मौसम विभाग ने दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के 19 मई तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पहुंचने की उम्मीद जताई थी, जो सामान्य तारीख से 3 दिन पहले है. हर साल अंडमान निकोबार में मॉनसून 22 मई तक आता है. अंडमान निकोबार से आगे बढ़ते हुए मॉनसून केरल पहुंचता है. मॉनसून के पहुंचने की सामान्य तारीख की बात करें तो 10 जून तक ये महाराष्ट्र पहुंच जाता है.
किस राज्य में कब पहुंचेगा मॉनसून
फिर आगे बढ़ते हुए 15 जून को ये गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार पर पहुंचता है. वहीं, 20 जून को ये गुजरात के आंतरिक इलाकों, एमपी के मध्य हिस्सों और उत्तर प्रदेश में दस्तक देता है. हालांकि, अभी मौसम विभाग ने इन राज्यों में मॉनसून के पहुंचने की कोई तारीख नहीं बताई है. मौसम विभाग लगातार मॉनसून की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है.
पिछले 5 साल कैसी रही मॉनसून का चाल
पिछले महीने, आईएमडी ने जून से सितंबर के बीच दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सीज़न के दौरान सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया था. बता दें कि जून और जुलाई को कृषि के लिए सबसे महत्वपूर्ण मॉनसून महीने माना जाता है क्योंकि इस अवधि में खरीफ फसल की अधिकांश बुआई होती है. आंकड़ों के अनुसार, केरल में पिछले साल आठ जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में तीन जून को और 2020 में एक जून को और 2019 में 8 जून को मॉनसून की शुरुआत हुई थी.