चुनाव प्रचार चरम पर होने के बावजूद डीजल की बिक्री घटी, पेट्रोल की खपत लगभग स्थिर
औफिस स्पेस सॉल्यूशंस आईपीओ का प्राइस बैंड हुआ तय, 22 मई से खुलेगा इश्यू
अदाणी एनर्जी सॉल्यूशन्स ने एस्सार ट्रांस्को में खरीदी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी
नई दिल्ली
भारत में आम चुनाव के लिए प्रचार चरम पर होने के बावजूद मई के पहले पखवाड़े में डीजल की बिक्री में गिरावट आई, जबकि पेट्रोल की खपत लगभग स्थिर रही। सार्वजनिक क्षेत्री की कंपनियों की ओर से जारी प्रारंभिक आंकड़ों में यह बात सामने आई।
आम चुनाव के प्रचार के कारण परंपरागत रूप से ईंधन की मांग में वृद्धि हुई है क्योंकि उम्मीदवार मतदाताओं तक पहुंचने के लिए बड़े पैमाने पर मोटर वाहन का इस्तेमाल करते हैं, हालांकि सार्वजनिक क्षेत्री की कंपनियों के बिक्री आंकड़े कुछ ओर बयां करते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, ईंधन बाजार के 90 प्रतिशत हिस्से को नियंत्रित करने वाली तीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की पेट्रोल बिक्री मई के पहले पखवाड़े में 13.67 लाख टन रही। यह पिछले साल की समान अवधि में 13.6 लाख टन खपत के लगभग बराबर रही। हालांकि, मासिक आधार पर खपत 11 प्रतिशत बढ़ी।
देश में सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन डीजल की एक से 15 मई के दौरान बिक्री 1.1 प्रतिशत घटकर 32.8 लाख टन रही। इसकी खपत में अप्रैल में 2.3 प्रतिशत और मार्च में 2.7 प्रतिशत गिरावट आई थी।
चुनाव प्रचार के अलावा, फसल कटाई का मौसम और तेज गर्मी का मौसम आने से कार में एयर कंडीशनिंग अधिक चलाया जाता है जिससे ईंधन की खपत में वृद्धि होनी चाहिए।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मार्च के मध्य में दो-दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी। यह दो साल में पहला मौका था जब कीमतों में बदलाव हुआ था।
अगर मासिक आधार पर देखें तो एक से 15 अप्रैल में 12.3 लाचा टन खपत की तुलना में बिक्री 11 प्रतिशत अधिक रही। अप्रैल के पहले पखवाड़े की तुलना में 31.5 लाख टन के मुकाबले डीजल की मांग मासिक आधार पर चार प्रतिशत अधिक रही।
डीजल भारत में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है, जो सभी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत का लगभग 40 प्रतिशत है। देश में कुल डीजल बिक्री में परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है। यह हार्वेस्टर और ट्रैक्टर सहित कृषि क्षेत्रों में उपयोग किया जाने वाला प्रमुख ईंधन है।
विमान ईंधन की मांग एक से 15 मई 2024 के दौरान सालाना आधार पर 4.1 प्रतिशत बढ़कर 3,14,200 टन हो गई। हालांकि एक से 15 अप्रैल में 3,45,800 टन की तुलना में यह मासिक आधार पर यह 9.1 प्रतिशत कम है।
आंकड़ों के अनुसार, रसोई गैस एलपीजी की बिक्री एक से 15 मई के बीच सालाना आधार पर 1.1 प्रतिशत घटकर 12.1 लाख टन हो गई। वहीं एक से 15 अप्रैल के दौरान एलपीजी की 12.17 लाख टन खपत के मुकाबले यह 0.6 प्रतिशत कम है।
औफिस स्पेस सॉल्यूशंस आईपीओ का प्राइस बैंड हुआ तय, 22 मई से खुलेगा इश्यू
नई दिल्ली
औफिस स्पेस सॉल्यूशंस का आईपीओ का प्राइस बैंड 364 रुपये से लेकर 383 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। खुदरा निवेशकों के लिए आईपीओ 22 मई को खुलेगा और 27 मई तक निवेशक इसके लिए बोली लगा सकते हैं।
आईपीओ की एंकर बुक 21 मई को खुलेगी। आईपीओ का लॉट साइज 39 शेयरों का निर्धारित किया गया है। आईपीओ में बोली लगाने के लिए कम से कम एक लॉट के लिए आवेदन करना होगा। पब्लिक इश्यू में योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के लिए 75 प्रतिशत हिस्सा आरक्षित रखा गया है। गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए 15 प्रतिशत और खुदरा निवेशकों के लिए 10 प्रतिशत हिस्सा आरक्षित किया गया है।
कंपनी ने कर्मचारियों के लिए करीब 2 करोड़ के मूल्य के शेयर आरक्षित किए हैं और इश्यू के लिए आवेदन करने पर उन्हें 36 रुपये प्रति शेयर का डिस्काउंट दिया जाएगा।
औफिस स्पेस सॉल्यूशंस लिमिटेड एक ऑफिस स्पेस कंपनी है। यह कोवर्किंग के लेकर स्टार्टअप्स, एसएमई, एमएनसी और बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों को ऑफिस स्पेस उपलब्ध कराती है।
औफिस स्पेस सॉल्यूशंस आईपीओ का इश्यू साइज 599 करोड़ रुपये है। इसमें से 128 करोड़ रुपये फ्रेश इश्यू है और 471 करोड़ रुपये का ओएफएस है। कंपनी द्वारा आईपीओ फंड्स का उपयोग नए सेंटर बनाने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और जनरल कॉर्पोरेट उद्देश्य के लिए किया जाएगा।
औफिस स्पेस सॉल्यूशंस आईपीओ का अलॉटमेंट 28 मई को जारी हो सकता है। वहीं, फंड की वापसी 29 मई को हो सकती है। शेयर एनएसई और बीएसई पर 30 मई को लिस्ट होंगे।
अदाणी एनर्जी सॉल्यूशन्स ने एस्सार ट्रांस्को में खरीदी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी
अहमदाबाद
अदाणी एनर्जी सॉल्यूशन्स लिमिटेड (एईएसएल) की ओर से ऐलान किया गया कि कंपनी ने 1,900 करोड़ रुपये में एस्सार ट्रांस्को में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। इस अधिग्रहण में 400 किलोवाट की 673 सीकेटी किमी (सर्किट किलोमीटर) लंबी अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन लाइन है, जो कि मध्य प्रदेश के महान को छत्तीसगढ़ के सीपत पूलिंग सबस्टेशन को जोड़ती है। मौजूदा समय में ये ट्रांसमिशन लाइन पूरी परिचालन में है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा, "महान-सीपत ट्रांसमिशन नेटवर्क के अधिग्रहण से कंपनी की स्थिति मध्य भारत में और मजबूत होगी।"
वर्तमान में इस रीजन में कंपनी के पास 3,373 सीकेटी किमी की संचालित ट्रांसमिशन लाइन है।
एस्सार ट्रांस्को का अधिग्रहण एईएसएल की सहयोगी कंपनी अदाणी ट्रांसमिशन स्टेप टू लिमिटेड (एटीएसटीएल) की ओर से किया गया है। इस अधिग्रहण के बाद एईएसएल का कुल ट्रांसमिशन नेटवर्क बढ़कर 21,000 सीकेटी किमी से ज्यादा का हो गया है।
इस अधिग्रहण के लिए कंपनी ने पैसा काफी प्रतिस्पर्धी शर्तों के तहत जुटाया है।
कंपनी ने कहा, "ऑपरेशनल एसेट्स के लिए कम लागत पर वित्त जुटाकर एईएसएल ने पूंजी जुटाने का एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है।"
एईएसएल देश की सबसे बड़ी निजी ट्रांसमिशन कंपनी है। 57,011 एमवीए ट्रांसफॉर्मेशन की क्षमता के साथ 17 राज्यों में इसका नेटवर्क फैला हुआ है।
कंपनी के पास मुंबई और मुंद्रा एसईजेड औद्योगिक क्षेत्र में 1.2 करोड़ ग्राहक हैं। एईएसएल ने वित्त वर्ष 2023-24 में सालाना आधार पर 17 प्रतिशत के उछाल के साथ 14,217 करोड़ रुपये की आय दर्ज की थी।
वहीं, 12 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ 1,197 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया था। इस दौरान कंपनी का ईबीआईटीडीए 5,695 करोड़ रुपये रहा।
रिलायंस ने आरईसी सोलर नॉर्वे की बिक्री पूरी की
नई दिल्ली
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने करीब 2.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर में आरईसी सोलर नॉर्वे एएस को ओस्लो में सूचीबद्ध एल्केम एएसए को बेच दिया है। बिक्री प्रक्रिया पूरी हो गई है।
आरईसी नॉर्वे, आरईसी सोलर होल्डिंग्स की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई है और स्कैंडिनेवियाई देश में केर्फ-आधारित पॉलीसिलिकॉन के निर्माण में शामिल है। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि बिक्री प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसमें कहा गया, ‘‘अब आरईसी नॉर्वे कंपनी की अनुषंगी कंपनी नहीं है।’’
आरआईएल ने अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और एशिया में अन्य जगहों सहित वैश्विक स्तर पर हरित ऊर्जा बाजारों में विस्तार करने के लिए चाइना नेशनल ब्लूस्टार ग्रुप को. से आरईसी सोलर होल्डिंग्स को अक्टूबर 2021 में खरीदा था।
ओबेरॉय रियल्टी के शेयर में करीब नौ प्रतिशत का उछाल
नई दिल्ली
ओबेरॉय रियल्टी के शेयर में बृहस्पतिवार को करीब नौ प्रतिशत का उछाल आया। बीएसई पर शेयर 8.70 प्रतिशत चढ़कर 1,712.30 रुपये पर पहुंच गया। एनएसई पर यह 8.81 प्रतिशत बढ़कर एक साल के उच्चतम स्तर 1,712.85 रुपये पर पहुंच गया।
ओबेरॉय रियल्टी ने बताया था कि उसकाएकीकृत शुद्ध मुनाफा बीते वित्त वर्ष की मार्च में समाप्त तिमाही में 64 प्रतिशत बढ़कर 788.03 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 1,558.56 करोड़ रुपये हो गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 995.11 करोड़ रुपये थी।
पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा पिछले वर्ष के 1,904.54 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,926.60 करोड़ रुपये हो गया।
इसके साथ ही कंपनी ने इक्विटी शेयर और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर जारी कर 4,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना की घोषणा की है। ओबेरॉय रियल्टी देश के अग्रणी डेवलपर्स में से एक है।