चंडीगढ़
हरियाणा में खेला हो गया है। तीन निर्दलीय विधायकों के कांग्रेस को समर्थन दिए जाने के बाद नायब सिंह सैनी की सरकार को बचाने के लिए भाजपा जननायक जनता पार्टी (जजपा) में फूट डालने में कामयाब हो गई है। मनोहर लाल खट्टर सरकार में चार साल से भी ज्यादा समय तक भागीदार रही जन नायक जनता पार्टी ने अब खुद ही अपने दो विधायकों की विधानसभा से सदस्यता रद्द करवाने का फैसला किया है। इसके लिए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को पार्टी की ओर से आधिकारिक पत्र भी लिख दिया गया है।
जन नायक जनता पार्टी के कार्य़ालय सचिव रणधीर सिंह ने यहां एक बयान जारी करके कहा कि जिन दो विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा गया है, उनमें रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग हैं। इन दोनों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप है। रणधीर सिंह ने बताया कि इन विधायकों ने लोकसभा चुनाव के दौरान न केवल भाजपा प्रत्याशियों का मंच शेयर किया बल्कि उनके लिए वोट भी मांगेे हैं। जबकि हिसार और नरवाना में जन नायक जनता पार्टी के उम्मीदवार चुनाव में खड़े हैं। इसलिए दल-बदल कानून के तहत इनकी विधानसभा से सदस्यता रद्द करवाने की कार्यवाही की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में अभी 88 विधायक हैं। मनोहर लाल खट्टर और रणजीत सिंह चौटाला इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसी स्थित में बहुमत के लिए 45 विधायक चाहिए। लेकिन, पिछले दिनों 3 निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया था। इसके बाद विपक्ष भाजपा के पास 42 विधायक ही बताकर सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर रहा है। फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग को लेकर हाल ही कांग्रेस विधायकों ने विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंहु हुड्डा के नेतृत्व में राज्यपाल से भी मुलाकात की थी। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला भी भाजपा से सदन में बहुमत साबित करने की मांग कर चुके हैं।
पानीपत में महिपाल ढांडा के घर मनोहर लाल से मिले थे जजपा विधायक
हरियाणा की भाजपा सरकार के अल्पमत में आने के साथ ही पार्टी की ओर से सरकार बचाने की कवायद शुरू कर दी गई थी। लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा ने तोड़फोड़ की रणनीति अपनाई। इसी के तहत कुछ दिन पहले ही पानीपत में सैनी सरकार के मंत्री महिपाल ढांडा के घर पर जजपा के कुछ विधायकों ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी। उसमें तीन विधायकों के खट्टर से मिलने का दावा किया गया था।
भाजपा की रणनीति भी जजपा के 3 विधायकों के इस्तीफे करवाने की थी
राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक नायब सिंह सैनी सरकार को बचाने के लिए भाजपा की रणनीति थी कि जन नायक जनता पार्टी (जजपा) के 3 विधायकों के इस्तीफे करवाने की रणनीति थी। इसके लिए इस्तीफे देने वाले विधायकों को इसी साल अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट और जीतने पर मंत्री बनाए जाने का प्रलोभन दिए जाने का दावा किया जा रहा है। इसके बाद अगर 3 विधायक इस्तीफा देते हैं तो सदन में विधायकों की कुल संख्या 85 रह जाएगी। ऐसे में भाजपा को बहुमत के लिए 43 विधायक ही चाहिए। भाजपा के पास इस समय 40 विधायक हैं। हरियाणा लोकहित पार्टी और दो आजाद विधायकों के समर्थन से उनकी तादाद 43 हो जाती है। जबकि विपक्ष में कांग्रेस के 30, 3 निर्दलीय, 1 इनेलो विधायक हैं। जबकि जेजेपी विधायकों की संख्या 2 की सदस्यता रद्द होने के बाद 8 ही रह जाएगी। इस तरह विपक्ष के पास कुल 42 विधायकों का समर्थन रह जाएगा।