बेंगलुरु
दिग्गज भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली ने अपने स्ट्राइक रेट पर आलोचना और बहस का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें अपनी क्षमता पर किसी के अनुमोदन या आश्वासन की जरूरत नहीं है क्योंकि उन्हें पता है कि वह मैदान पर क्या कर सकते हैं। कोहली इस साल आईपीएल में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज है। उनको अपनी स्ट्राइक रेट को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ा जिसमें भारत के महान बल्लेबाज और पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर की टिप्पणी भी शामिल हैं। कोहली ने आरसीबी की ओर से जारी वीडियो में आलोचनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा, “(मुझे किसी की टिप्पणी पर) प्रतिक्रिया करने की ज़रूरत नहीं है। मैं जानता हूं कि मैं मैदान पर क्या कर सकता हूं. मुझे किसी को यह बताने की जरूरत नहीं है कि मैं किस तरह का खिलाड़ी हूं या मेरी क्षमता क्या है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी किसी से नहीं पूछा कि मैच कैसे जीता जाए। मैंने मैदान पर अपने अनुभव से इस बारे में सीखा है। यह किस्मत से नहीं होता है कि आप बार बार मैच जीत रहे है। खिलाडी का मैदान में परिस्थिति और हालात के मुताबिक खेलना और बाहर से उसका विश्लेषण करना दो पूरी तरह से अलग चीजें हैं।’’
कप्तान रोहित शर्मा से सहमति जताते हुए कोहली ने इंपैक्ट खिलाड़ी के नियम की आलोचना करते हुए कहा कि इससे खेल का संतुलन बिगड़ रहा है। आईपीएल के पिछले सत्र से पारी के बीच में स्थानापन्न खिलाड़ी को उतारने का नियम शुरू हुआ है जिस पर रोहित ने भी नाराजगी जताई थी। अब कोहली ने जियो सिनेमा से कहा,‘‘ मैं रोहित का समर्थन करता हूं। मनोरंजन खेल का एक पहलू है लेकिन संतुलन भी होना चाहिये। इससे खेल का संतुलन बिगड़ा है और कई लोगों को ऐसा लगता है, सिर्फ मुझे नहीं।’’ रोहित ने पॉडकास्ट में कहा,‘‘ मैं इस नियम का मुरीद नहीं हूं। इससे हरफनमौलाओं पर विपरीत असर पड़ेगा। क्रिकेट 11 खिलाड़ियों का खेल है, 12 का नहीं।’’
आईपीएल के इस सत्र में आठ बार 250 रन से अधिक का स्कोर बना और कोहली गेंदबाजों का दर्द समझते हैं। उन्होंने कहा,‘ गेंदबाजों को लग रहा है कि हम क्या करें। मैने कभी ऐसा नहीं देखा जब गेंदबाजों को लगता है कि वे हर गेंद पर चार या छह रन देंगे। हर टीम के पास बुमराह या राशिद खान तो है नहीं।’’ उन्होंने कहा,‘‘ एक अतिरिक्त बल्लेबाज के कारण पावरप्ले में मैं 200 प्लस के स्ट्राइक रेट से खेल रहा हूं क्योंकि मुझे पता है कि आठवें नंबर पर भी एक बल्लेबाज है। मेरा मानना है कि शीर्ष स्तर पर क्रिकेट में इस तरह का दबदबा नहीं होना चाहिये। बल्ले और गेंद के बीच समान संतुलन होना चाहिये।’’ बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा था कि यह नियम प्रयोग के तौर पर लागू किया गया है ताकि दो भारतीय खिलाड़ियों को एक मैच में मौका मिल सके।
कोहली ने कहा,‘‘ मुझे यकीन है कि जय भाई ने कहा है कि वह इसकी समीक्षा करेंगे और मुझे यकीन है कि ऐसा निष्कर्ष निकलेगा कि खेल में संतुलन पैदा हो सके। सिर्फ चौके या छक्के की क्रिकेट में रोमांचक नहीं होते। 160 का स्कोर बनाकर जीतना भी रोमांचक होता है।’’