नई दिल्ली
कई हजारों किलोमीटर का सफर करने के बाद राजस्थान से उत्तराखंड पहुंचे तीर्थ यात्रियों को जोरदार झटका लगा है। पूरा सच जानकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। एजेंट ने उन्हें फर्जी चारधाम रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पकड़ा दिया। पुणे से 3 बसों में आए 93 यात्री भी इसी तहर से छले गए थे।
वेरिफिकेशन करने पर पता चला कि उन्हें फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिया गया है। ऐसे कई केस सामने आए हैं जिनमें तीर्थ यात्रियों से फर्जीवाड़ सामने आया है। चारधाम यात्रा 2024 शुरू होते ही देश के कई राज्यों से लोग दर्शन करने को उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। गंगोत्री, केदारनाथ-बदरीनाथ समेत चारों धामों के दर्शन के नाम पर फर्जीवाड़ भी शुरू हो गया है।
चारधाम यात्रा पर आए यात्रियों को कुछ ट्रेवल एजेंट पैसों के लालच में धोखा दे रहे हैं। ऋषिकुल मैदान में गुजरात से आए यात्री ने काउंटर पर मौजूद व्यक्ति को अपने मोबाइल में चारधाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन दिखाया। शक होने पर काउंटर पर बैठे व्यक्ति ने उसके क्यूआर कोड को डालकर रजिस्ट्रेशन का स्टेटस चेक किया तो वह जून का था जबकि चारधाम जाने वाले यात्री ने बताया कि लोकल ट्रेवल एजेंट ने उनको मई का रजिस्ट्रेशन दिया है।
चारधाम यात्रा में रजिस्ट्रेशन को लेकर यात्री पहले भी कुछ ट्रेवल एजेंटों पर इस तरह के आरोप लगा चुके हैं। इसमें फ्री में होने वाले रजिस्ट्रेशन के दो सौ और साथ में अपनी ट्रेवल एजेंसी की टैक्सी बुक कराने की बात कही गई। शुक्रवार को गुजरात से चारधाम यात्रा को आए कुछ व्यक्तियों ने ऋषिकुल मैदान में ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मौजूद एक कर्मचारी को मोबाइल में रजिस्ट्रेशन की तिथि दिखायी।
इसके अनुसार यमुनोत्री का रजिस्ट्रेशन 18, गंगोत्री का 20, केदारनाथ का 22 और बदरीनाथ का 24 मई का दिखा रहा था। ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन काउंटर पर बैठे व्यक्ति ने जब अपने लेपटाप पर इसको चेक किया तो तिथि तो वही थी लेकिन माह जून का का था। यह जानकर यात्री हक्के बक्के रह गए और बोले लोकल ट्रेवल एजेंट ने हमारे साथ धोखा किया है।
उनसे कहा गया कि आप पुलिस में इसकी लिखित शिकायत करें तो वह बोले हम यात्रा करने आये हैं, भाई झगड़ा करने नहीं। एआरटीओ रश्मि पंत ने बताया कि इस प्रकार की शिकायतें तो आ रही हैं लेकिन अभी तक ऐसा कोई व्यक्ति पकड़ में नहीं आया है। उन्होंने बताया कि एक जगह छापा भी मारा लेकिन मौके पर कुछ नहीं मिला।
पुणे से 3 बसों में आए 93 यात्री भी छले गए
पुणे महाराष्ट्र निवासी नारायण जादव, भानुदास, राजेन्द्र सूर्यवंशी का कहना है कि वह 3 बसों में 93 लोग यात्रा करने आये हैं। उन्हें ऋषिकेश में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करके भेजा गया है जिसमें 17 मई को यमुनोत्री की यात्रा करना दिखाया है। लेकिन बड़कोट रजिस्ट्रेशन वेरीफिकेशन केंद्र पर पता चला है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में 17 जून को यमुनोत्री धाम की यात्रा का रजिस्ट्रेशन है।
नेपाल के यात्रियों को तारीख बदलकर ठगा
ऋषिकेश और हरिद्वार से कूटरचना कर जून और जुलाई के रजिस्ट्रेशन पर मई में ही यात्रा पर भेजे जाने पर तीर्थयात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। शुक्रवार को बड़कोट पंजीकरण केन्द्र पर पहुंचे नेपाल के यात्रियों को जब इसकी भनक लगी तो वह हैरान हो गए। उन्होंने इसके लिए पुलिस प्रशासन से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। ऋषिकेश और हरिद्वार से चार-पांच दल दोपहर बाद बड़कोट के दोबाटा में रजिस्ट्रेशन वेरीफिकेशन केंद्र पर पहुंचे। जहां उन्हें पता चला कि उनका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन एक माह बाद और किसी का दो महीने बाद का है। एजेंटों द्वारा रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर कूट रचना कर 17 मई को यमुनोत्री की यात्रा का रजिस्ट्रेशन फॉर्म थमा दिया।
जबकि इस रजिस्ट्रेशन फॉर्म को देहरादून से बड़कोट तक करीब तीन-चार जगह बेरियर पर कर्मचारियों ने देखा भी था। लेकिन पकड़ में तब आया जब बड़कोट में रजिस्ट्रेशन का ऑनलाइन वेरिफिकेशन किया गया। तो यात्रियों को पता चला कि इनका यमुनोत्री की यात्रा करने का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 17 जून और किसी का 17 जुलाई है। जिस कारण इन्हें दोबाटा में रोक दिया गया। नेपाल निवासी अशोक, सुखदेव महाजन, तिलकराम माझी का कहना है कि उनका रजिस्ट्रेशन 31 मई को बदरीनाथ की यात्रा का है। लेकिन यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ यात्रा की तिथि रजिस्ट्रेशन में नहीं दर्शाई गई है। जबकिउनसे पैसे लेकर उन्हें कहा गया है कि 17 से 31 तारीख तक वे चारधाम की यात्रा कर सकते हैं। बड़कोट आकर उन्हें पता चला कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में यमुनोत्री की यात्रा की तिथि नहीं दर्शाई गई है। जिस कारण उन्हें बड़कोट में ही रोक दिया गया है।
फर्जी रजिस्ट्रेशन कर यात्रियों से रकम हड़पी
हरिद्वार में नेपाल के 25 यात्रियों का अज्ञात ने फर्जी रजिस्ट्रेशन कर दिया। पंजीकरण लेकर यात्री जब यात्री गंगोत्री धाम से महज 20 किलोमीटर दूर पहुंचे तब उन्हें इस फर्जीवाड़े का पता चला। प्रशासन की ओर से इन यात्रियों को रोका गया तो मायूस होकर ये यात्री फिर से यात्रा शुरू करने के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के लिए गुरुवार को ऋषिकेश पहुंचे। यहां 19 मई तक पंजीकरण पर रोक लगने की जानकारी मिलते ही उनकी दिक्कतें और ज्यादा बढ़ गई हैं।