वॉशिंगटन.
अमेरिका और चीन के बीच का तनाव किसी से छिपा नहीं है। आए दिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर आपस में तनातनी बनी रहती है। अब अमेरिका ने चीन पर तिब्बती आध्यात्मिक नेता को लेकर दवाब बनाना शुरू कर दिया। उसने बीजिंग से सवाल पूछा है और जानना चाहा है कि तिब्बती आध्यात्मिक नेता पंचेन लामा कहां हैं?
अमेरिका ने सुदूर हिमालयी क्षेत्र से तिब्बती आध्यात्मिक नेता के लापता होने की 29वीं बरसी के मौके पर चीन से पंचेन लामा के ठिकाने और उनकी भलाई के बारे में तुरंत जानकारी देने का आग्रह किया है। तिब्बती लोग दलाई लामा को अपना आध्यात्मिक नेता के साथ ही राजनीतिक नेता भी मानते हैं। 1995 में दलाई लामा ने छह साल के गेंडुन चोएकीय न्यीमा को 10वें पंचेन लामा के अवतार के रूप में मान्यता दी थी। मान्यता के सिर्फ तीन दिन बाद चीन ने बच्चे और उसके माता-पिता को साथ ले जाने की बात कही थी। उसके बाद से लेकर अबतक पंचेन को किसी नहीं देखा। कहा जाता है कि चीन ने बच्चे का अपहरण कर लिया था। बता दें, न्यीमा का जन्म 25 अप्रैल 1989 को तिब्बत में हुआ था।
अमेरिका ने मांगी जानकारी
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर के एक प्रेस बयान में शुक्रवार को कहा कि गेंडुन चोएकीय न्यीमा लापता हैं और उस दिन के बाद से सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दिए हैं। ‘पंचेन लामा के गायब होने के 29 साल पूरे होने पर’ उन्होंने कहा कि चीन सरकार तिब्बती समुदाय के सदस्यों को उनके महत्वपूर्ण धार्मिक व्यक्ति तक पहुंचने से रोक रही है। इसके बजाय राज्य-चयनित प्रॉक्सी को बढ़ावा देना जारी रख रही है।
17 मई 1995 से पूरा परिवार गायब
भारत में निर्वासित तिब्बती सरकार के एक बयान के अनुसार, 14 मई, 1995 को दलाई लामा ने आधिकारिक तौर पर न्यीमा को 11वें पंचेन लामा के रूप में घोषित किया था। 17 मई, 1995 में उन्हें और उनके पूरे परिवार को चीनी हिरासत में ले लिया गया था, जिससे वे छह साल की उम्र में दुनिया के सबसे कम उम्र के राजनीतिक कैदी बन गए।
चीन की कम्युनिस्ट सरकार इतने पर ही नहीं रुकी। बीजिंग ने एक दूसरे भिक्षु को पंचेन लामा के रूप में स्थापित करना शुरू कर दिया, जिसे दलाई लामा ने मान्यता नहीं दी थी और न ही उसकी कोई विश्वसनीयता है। लंबे समय से तिब्बती असली पंचेन लामा को रिहा करने की मांग कर रहे हैं।
तिब्बतियों के नेताओं का हो सम्मान
यह कहते हुए कि अमेरिका तिब्बतियों के मानवाधिकारों और उनकी विशिष्ट धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषाई पहचान के संबंध में उन अधिकारों के प्रयोग का समर्थन करता है, मिलर ने कहा कि सभी धार्मिक समुदायों के सदस्यों की तरह तिब्बतियों को भी चयन करने की क्षमता होनी चाहिए। दलाई लामा और पंचेन लामा जैसे अपने स्वयं के नेताओं को उनकी अपनी मान्यताओं के अनुसार और सरकारी हस्तक्षेप के बिना शिक्षित करें और उनका सम्मान करें।
न्यीमा को तुरंत रिहा करने का आग्रह
विदेश विभाग ने एक बयान में कहा, 'हम चीन की सरकार से न्यीमा के बारे में तुरंत जानकारी देने और उन्हें पीआरसी की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुरूप अपने मानवाधिकारों का पूरी तरह से उपयोग करने की अनुमति देने का आग्रह करते हैं। चीन को तुरंत बिना शर्त पंचेन लामा, उनके माता-पिता को अपनी कैद से रिहा करना चाहिए।'
चीन का क्या है कहना
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पंचेन लामा को गायब करने के बाद से ही उनके बारे में जानकारी छिपाती रही है। पंचेन लामा के बारे में जो थोड़ी बहुत जानकारी है वह चीन के सरकारी स्रोतों से ही मिली है। साल 2022 के अप्रैल में चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि न्यीमा जब बच्चे थे तो उन्हें मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा दी गई। कॉलेज से पास आउट होने के बाद अब वह नौकरी कर रहे हैं। चीन द्वारा पंचेन लामा को कभी सामने न लाए जाने के सवाल पर चीन दावा करता है कि न्यीमा और उनका परिवार सामान्य जीवन जी रहा है और परेशान नहीं होना चाहता है।