दमोह
मध्य प्रदेश के दमोह जिले से मानवता को शर्मनाक करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक शख्स को अपनी मां के शव को अंतिम संस्कार के लिए ऑटोरिक्शा में ले जाना पड़ा। मृतक महिला के बेटे नारायण पटेल ने बताया कि उनकी 65 साल की मां का शनिवार रात जिला अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से शव वाहन की मांग की, लेकिन काफी इंतजार के बाद भी उन्हें कोई वाहन नहीं मिल पाया।
इसके बाद नारायण पटेल ने मजबूरन अपनी मां के शव को दोपहिया वाहन पर ले जाने का फैसला किया, लेकिन बाद में किसी ने ऑटोरिक्शा की व्यवस्था कर दी। इस घटना का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। लोग जिला अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया।
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन राजेश नामदेव ने बताया कि अस्पताल में एक शव वाहन हमेशा उपलब्ध रहता है। लेकिन इस मामले में, शव वाहन का ड्राइवर देर से पहुंचा और तब तक परिजन मृतक महिला के शव को दूसरे वाहन में ले जा चुके थे।
यह घटना दमोह जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की खस्ता हालत को उजागर करती है। शव वाहन जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव न केवल मृतकों के परिजनों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है, बल्कि यह मानवीयता को भी शर्मसार कर रहा है।
दमोह जैसे छोटे शहरों में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव व्यवस्था की पोल खोलता दिख रहा है। इस घटना में शामिल लोगों की जवाबदेही तय की जाएगी । जिला प्रशासन को भी इस घटना को गंभीरता से लेते हुए संज्ञान लेना चाहिए। भविष्य में ऐसी घटनाएं फिर न हो इसको रोकने के लिए सख्ती से कदम उठाने की जरूरत है।