नईदिल्ली
पॉलिटिकल स्ट्रैटेजिस्ट प्रशांत किशोर ने बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा को लोकसभा चुनाव में लगभग 300 सीटें मिलने की संभावना है, साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई व्यापक गुस्सा नहीं है.
प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी के लिए अपने दम पर 370 सीटें हासिल करना असंभव है और अनुमान जताया कि पार्टी को लगभग 300 सीटें मिलेंगी.
'2019 के जैसे ही रहेंगे नतीजे'
प्रशांत किशोर ने कहा, 'जिस दिन से पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी को 370 सीटें मिलेंगी और एनडीए 400 का आंकड़ा पार करेगा, मैंने कहा कि यह संभव नहीं है. यह सब कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए नारेबाज़ी है. बीजेपी के लिए 370 सीटें हासिल करना असंभव है, लेकिन यह भी निश्चित है कि पार्टी 270 के आंकड़े से नीचे नहीं जा रही है. मुझे लगता है कि भाजपा पिछले लोकसभा चुनाव में मिली संख्या के बराबर ही सीटें हासिल करने में सफल रहेगी, जो कि 303 सीटें या शायद उससे थोड़ी बेहतर है.'
भाजपा को कहां फायदा- कहां नुकसान
300 सीटों के अनुमान पर विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा को लोकसभा चुनाव में उत्तर और पश्चिम क्षेत्रों में कोई भौतिकवादी नुकसान (materialist damage) नहीं हो रहा है, जबकि दक्षिण और पूर्व में उसकी सीटों में वृद्धि देखी जाएगी.
क्या कहता है PK का गणित
प्रशांत किशोर ने बताया कि 2019 के चुनावों में भाजपा ने अपनी 303 सीटें कहां हासिल कीं. उन 303 सीटों में से 250 उत्तर और पश्चिम क्षेत्रों से आईं. ऐसे में मुख्य सवाल यह है कि क्या भाजपा को इन क्षेत्रों में जरूरी नुकसान (50 या अधिक सीटें) का सामना करना पड़ रहा है? वर्तमान में पूर्व और दक्षिण क्षेत्र में, भाजपा के पास लोकसभा में लगभग 50 सीटें हैं. इसलिए माना जा रहा है कि पूर्व और दक्षिण क्षेत्रों में भाजपा की हिस्सेदारी 15-20 सीटों पर बढ़ने की उम्मीद है, जबकि पार्टी को उत्तर और पश्चिम में कोई खासा नुकसान नहीं हो रहा है.