नईदिल्ली
लोकसभा चुनाव के सात में से पांच चरणों का मतदान हो चुका है. पांच चरण की वोटिंग के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाला सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी इंडिया ब्लॉक, दोनों ही अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. बीजेपी 400 से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रही है तो वहीं इंडिया ब्लॉक भी अपनी जीत के दावे कर रहा है. दोनों गठबंधनों के अपने-अपने दावे हैं. दावों के दौर में बात पिछले चुनावों की भी हो रही है.
एनडीए और इंडिया, दोनों ही गठबंधनों का फोकस इस बार उन सीटों पर अधिक रहा जहां जीत-हार का अंतर कम रहा था. 2019 के चुनाव में देश की 543 में से 30 सीटें ऐसी थीं जहां जीत हार का अंतर 10 हजार वोट से कम रहा था. इनमें से कई सीटों पर वोटिंग हो चुकी है तो वहीं कुछ पर मतदान अभी बाकी है. सत्ताधारी और विपक्षी, दोनों ही गठबंधनों ने इन सीटों पर इस बार पूरा जोर लगाया. इन सीटों पर विपक्ष को अपनी जीत की उम्मीद नजर आ रही है तो वहीं बीजेपी और एनडीए को मार्जिन बढ़ने की.
वो सीटें जहां 10 हजार से कम था मार्जिन
पिछले चुनाव में जिन 30 सीटों पर मार्जिन 10 हजार से कम था, उनमें जम्मू और कश्मीर की अनंतनाग सीट के साथ ही अंडमान और निकोबार, आरामबाग, औरंगाबाद, भोंगिर, बर्दवान-दुर्गापुर, चामराजनगर, चिदंबरम सीट शामिल है. दादरा और नगर हवेली,दमन और दीव, गुंटूर, जहानाबाद, कांकेर, खूंटी, कोरापुट (एसटी), लक्षद्वीप, मछलीशहर, मालदा दक्षिण, मेरठ और मिजोरम में भी हार-जीत का अंतर 10 हजार से कम रहा था. मुजफ्फरनगर, रोहतक, संबलपुर, श्रावस्ती, गोवा दक्षिण, श्रीकाकुलम, वेल्लोर, विजयवाड़ा के साथ ही विशाखापत्तनम और जहीराबाद सीट पर भी विजेता और उपविजेता के बीच वोटों का अंतर 10 हजार से कम रहा था.
क्लोज कॉन्टेस्ट में किसे मिली थीं कितनी सीटें
क्लोज कॉन्टेस्ट में बीजेपी की अगुवाई वाला एनडीए भारी पड़ा था. 30 में से 15 सीटों पर एनडीए को जीत मिली थी. बीजेपी को 10, टीडीपी को तीन, जेडीयू और एनसीपी को क्लोज कॉन्टेस्ट वाली एक-एक सीटों पर जीत मिली थी. विपक्षी इंडिया ब्लॉक की बात करें तो उसे 10 हजार से कम अंतर वाली आठ सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस को पांच, डीएमके को एक, वीसीके को एक और तृणमूल कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी. अन्य के हिस्से भी सात सीटें आई थीं जिसमें एआईएमआईएम, बसपा और बीआरएस को एक-एक सीटों पर जीत मिली थी.
14 सीटों पर 5 हजार से भी कम रहा था अंतर
2019 के चुनाव में 14 सीटें ऐसी भी थीं जहां जीत और हार का अंतर पांच हजार से भी कम रहा था. इनमें से आठ सीटों पर एनडीए और चार पर इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार जीते थे. बीजेपी के पांच, टीडीपी, जेडीयू और एनसीपी के एक-एक उम्मीदवार पांच हजार से कम वोट के अंतर से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. इंडिया ब्लॉक की बात करें तो कांग्रेस को दो, वीसीके और तृणमूल कांग्रेस को एक-एक सीटों पर जीत मिली थी. एआईएमआईएम पांच हजार से कम के अंतर से एक सीट जीती थी. यूपी की मछलीशहर और लक्षद्वीप सीट पर तो हार-जीत का अंतर एक हजार वोट से भी कम का रहा था.
एक लाख वोट से अधिक के अंतर से हुआ था 371 सीटों का फैसला
लोकसभा चुनाव 2019 में 543 में से 371 सीटें ऐसी थीं, जिनके सांसद का फैसला एक लाख वोट से अधिक के अंतर से हुआ था. इनमें से एनडीए को 259, इंडिया ब्लॉक को 78 और अन्य को 34 सीटें मिली थीं.
एनडीए की बात करें तो अकेले बीजेपी के ही 226 उम्मीदवार एक लाख वोट से अधिक के अंतर से जीते थे. जेडीयू के 13, शिवसेना के 11, एलजेपी के 6 और अपना दल (सोनेलाल) के एक उम्मीदवार को एक लाख वोट से अधिक के अंतर से जीत मिली थी.
विपक्षी इंडिया ब्लॉक की कांग्रेस और डीएमके को 22-22, तृणमूल कांग्रेस को 16 सीटों पर एक लाख से अधिक वोट के अंतर से जीत मिली थी. इस कैटेगरी की 4 सीटों पर शिवसेना यूबीटी, 3-3 सीटों पर आईयूएमएल और समाजवादी पार्टी, 2-2 सीटों पर एनसीपी (शरद पवार) और सीपीआईएम, 1-1 सीटों पर आरएसपी, आम आदमी पार्टी, आरएलटीपी और सीपीआई के उम्मीदवार जीते थे. बीजेडी के 6, बीआरएस के 5, बसपा के 4, एआईयूडीएफ और एआईएमआईएम के 1-1 उम्मीदवार एक लाख से अधिक वोट से जीतकर संसद पहुंचे थे.