नई दिल्ली
इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड यानी IMF के मुताबिक भारत की अन्य एशियाई देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति है। भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में हैं। ऐसे में भारत अपनी रियल GDP ग्रोथ को 7% तक ले जाने के लिए तैयार है। इससे भारत, चीन को पीछे छोड़कर दशक की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में सबसे आगे होगा। लेकिन पिछले दशक में 7.2% पर थी। यानी कि इस दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले दशक से धीमी रह सकती हैं। IMF और नोमुरा ने 3.9% की GDP ग्रोथ का अनुमान है। इससे पहले UN ने हाल ही में रिपोर्ट जारी कर कहा था कि इस साल भारत की अर्थव्यवस्था में 6.9% की ग्रोथ हो सकती है।
अर्थव्यवस्था की ग्रोथ के होंगे ये कारण
इस साल भारतीय कारोबार में जबरदस्त उछाल आया है। साथ ही सरकार अलग-अलग योजनाओं के लिए सरकार काफी फंड मुहैया करवा रही है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर विकास हो सकता है। वहीं बिजनेस सेक्टर में आदित्य बिरला कैपिटल के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 22-24E के दौरान भारत का कैपिटल एक्सपेंडिचर टू जीडीपी रेश्यो 3% बढ़ा है, जो 30% के साथ 9 साल में बेहतर रहा है।
मिडिल क्लास की स्थिति हुई बेहतर
आदित्य बिरला कैपिटल के मुताबिक, भारत की मध्यमवर्गीय तबके की कमाई में 1995 से 2001 तक 6.3% एनुअल ग्रोथ हुई है। मिडिल क्लास वर्ग सालाना 0.5 मिलियन रुपए कमाता है। ये वर्ग जनसंख्या का 31% हिस्सा है, जो साल 2031 तक 38% तक पहुंचने का अनुमान है। इस बीच 2047 तक लगभग ये 60% यानी लगभग 263 मिलियन परिवारों के शामिल होने का अनुमान है।
बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ ये जोखिम भी
भारतीय अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ रही है, लेकिन साथ में कुछ जोखिम भी तैयार हो रहे है। इनमें जियो-पॉलिटिकल टेंशन भी एक कारण है। फिलहाल दुनिया भर के कई देशों में धार्मिक, राजनैतिक युद्ध चल रहे है, जिनमें रूस और यूक्रेन और इजरायल-हमास, अफगानिस्तान और तालिबान के बीच युद्ध चल रहे हैं। ऐसे में भारत सहित दुनिया के लिए यह एक चिंता का बड़ा विषय है। इसके अलावा वैश्विक मंदी और महंगाई भी शामिल हैं।