मध्यप्रदेश

मप्र नर्सिंग कॉलेज घोटालाः सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज बर्खास्त, अब तक 23 पर एफआईआर

भोपाल

 मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाला मामले की जांच टीम में शामिल केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के इंस्पेक्टर राहुल राज को 10 लाख रुपये की रिश्वत के साथ पकड़े जाने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। इस मामले में सीबीआई के चार अधिकारियों को मिलाकर कुल 23 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

जांच के नाम पर रिश्वत लेने के मामले में सीबीआई ने 10 नए आरोपितों पर कार्रवाई की है। इनमें सीबीआई के डीएसपी आशीष प्रसाद और एक इंस्पेक्टर ऋषिकांत असाठे शामिल हैं। दोनों भोपाल के शिवाजी नगर में रहते हैं। छापेमारी के दौरान सबसे पहले 10 लाख की रिश्वत लेते पकड़े गए राहुल राज को बर्खास्त कर दिया गया है। दरअसल, नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई के अफसरों की रिश्वतखोरी की शिकायत के बाद दिल्ली की सीबीआई टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। सीबीआई की सात सदस्यीय कोर टीम और 3 से 4 सहायक टीमों ने भोपाल, इंदौर, रतलाम समेत राजस्थान के जयपुर में 31 ठिकानों पर छापेमारी की थी। कुल 2.33 करोड़ रुपये नकद, चार सोने के बिस्किट और 36 डिजिटल डिवाइस जब्त की गईं। आरोपितों से 150 से अधिक अनधिकृत दस्तावेज भी मिले।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर गठित जांच टीम ने 600 में से 308 नर्सिंग कॉलेजों की जांच रिपोर्ट दी थी। इस टीम ने रीवा के सरकारी कॉलेज को अनफिट करार दिया था। कई ऐसे कॉलेज हैं, जो अनफिट थे और उन्हें फिट बता दिया था। दिल्ली के सीबीआई अधिकारी, भोपाल के अफसरों को पूरे मामले से अलग रखकर हर संदेह की जानकारी जुटा रहे हैं। इसके लिए सोमवार तक गिरफ्तार किए गए आरोपितों को लेकर एक टीम दिल्ली गई है।

जांच में पता चला है कि सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज नर्सिंग कॉलेजों के निरीक्षण के एवज में वसूली का गिरोह चलाता था। राहुल की टीम के पास 60 कॉलेजों की जांच थी। उसने अलग-अलग जिलों में बिचौलियों की टीम तैयार कर रखी थी। उगाही से मिली राशि राहुल राज राजस्थान के झालावाड़ निवासी धर्मपाल तक पहुंचाता था। सीबीआई की छापेमारी के दौरान सबसे पहले इंस्पेक्टर राहुल राज को 10 लाख रुपये लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। रिश्वत देने वाले 4 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया था। इनमें नर्सिंग कॉलेज के मालिक अनिल भास्करन की पत्नी सुमा भी थीं। सीबीआई ने दलाल के रूप में काम कर रहे ओम गोस्वामी, रवि भदौरिया और जुगल किशोर सहित तीन महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है।

सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक कॉलेजों को सूटेबल बताने के लिए भोपाल के सीबीआई अधिकारियों ने 2 से 10 लाख रुपये तक का रेट फिक्स कर रखा था। सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने 308 कॉलेजों की जांच कर इसकी रिपोर्ट इसी साल जनवरी में हाई कोर्ट में पेश की थी। इसमें 169 कॉलेजों को सूटेबल, 74 को डिफिशिएंट और 65 कॉलेजों को अनसूटेबल की कैटेगरी में रखा था। बाकी कॉलेजों के इंस्पेक्शन की रिपोर्ट हाई कोर्ट में सब्मिट करनी थी। इसके लिए सीबीआई अधिकारियों ने कॉलेज संचालक और दलालों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार का एक पूरा रैकेट तैयार किया, जबकि जांच टीम में शामिल नर्सिंग स्टाफ को 25 से 50 हजार, पटवारियों को पांच से 20 हजार रुपये दिए जाते थे।

 

 

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com