मुंबई
मुंबई में 4 जून को मतगणना के पूरे दिन ‘ड्राइ डे’ घोषित किए जाने के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। यह याचिका असोसिएशन ऑफ होटल, रेस्टोरेंट ऐंड बार (आहार) ने दायर की है। याचिका में कलेक्टर के ‘ड्राइ डे’ के आदेश को चुनौती दी गई है। याचिका में शराब बिक्री की पूरे दिन की रोक को मनमानीपूर्ण बताया गया है। मुंबई और मेट्रोपॉलिटन रीजन की चार अन्य लोकसभा सीटों के लिए 20 मई को वोट डाले गए थे। मुंबई में इस बार कुल वोटिंग 54.01 फीसदी रही है।
क्या दी है दलील?
याचिका में कहा गया है कि दोपहर तक चुनावी नतीजे घोषित हो जाएंगे, ऐसे में पूरे दिन ‘ड्राइ डे’ घोषित करना उचित नहीं है। बुधवार को जस्टिस आरिफ डॉक्टर की वेकेशन के सामने आहार की याचिका पर सुनवाई होगी। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने मुंबई और उपनगर के कलेक्टर से अपने निर्णय पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया था। मगर कलेक्टर ने इस आग्रह पर विचार करने से मना कर दिया है। याचिका में मांग की गई है कि चुनावी रिजल्ट के बाद ‘ड्राइ डे’ के प्रभाव को ख़त्म करने का निर्देश दिया जाए।
आयोग ने दिया था निर्देश
लोकसभा चुनावों के शेड्यूल का ऐलान करने के समय चुनाव आयोग ने निर्देश दिया था कि मतदान के दिन से 48 घंटे पहले और मतगणना के दिन शराब की बिक्री नहीं की जाएगी। आयोग ने ड्राई डे रखने को कहा था। बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करने वाली ओनर्स ऑफ होटल्स, रेस्टोरेंट, परिमट रूम्स एंड बार (AHAR) के सदस्यों की दलील है कि अपने व्यवसाय को चलाने के लिए राज्य सरकार को लाइसेंस शुल्क के रूप में भारी मात्रा में भुगतान करते हैं, जबकि कई अवैध शराब निर्माता और तस्कर हैं जो मुंबई में अवैध शराब के साथ-साथ भारत में बनी विदेशी शराब और बीयर का निर्माण और बिक्री कर रहे हैं।
इसलिए जब भी शराब की बिक्री के लिए अधिकृत दुकानें विभिन्न कारणों से बंद होती हैं, तो ऐसे अवैध कारोबार फलते-फूलते हैं और तस्कर शराब की अवैध और अवैध बिक्री के माध्यम से भारी मुनाफा कमाते हैं, इस तथ्य का अनुचित लाभ उठाते हैं कि शराब आधिकारिक तौर पर उपलब्ध नहीं है।