सिराली
मध्य प्रदेश की किसी भी मंडी में आज तक यह नहीं सुनने को मिला कि आग से जली और पानी से भीगी फसल को किसी व्यापारियों अच्छे दाम पर खरीदी हो। हरदा जिले की सिराली तहसील की कृषि उपज मंडी में बुधवार को ऐसा ही मामला देने को मिला। स्थानीय कृषि उपज मंडी में विधायक अभिजीत शाह खुद ट्रैक्टर ट्राॅली चलाकर उपज बेचने पहुंचे।
मंडी में यह नजारा देख मौजूद किसान और मंडी के अधिकारी और कर्मचारी आश्चर्य में पड़ गए। सभी ने सोचा विधायक खुद अपनी उपज बेचने के लिए मंडी पहुंचे हैं, लेकिन बाद में पता चला कि विधायक उनकी नहीं आग से प्रभावित एक किसान की उपज बेचने मंडी पहुंचे हैं।
टिमरनी विधानसभा क्षेत्र के वनग्राम रूटबर्रा के आदिवासी किसान मांगीलाल और उनकी पत्नी पर मुसीबतों का पहाड़ आ गिरा। 17 मई की शाम को जब दंपती काम से घर लौटकर आए तो देखा उनके घर को आग ने पूरी तरह जलाकर राख कर दिया था। घर तो बचा ही नहीं था। घर के दूसरे कोने में गेहूं और चना की फसल रखी थी जो भी आधी जल गई। परिवार के पास ना खाने के लिए कुछ बचा था ना ही पहनने के लिए कपड़े। जब किसान अपनी अधजली फसल बेचने का प्रयास किया तो उन्हें मना कर दिया गया। फड़ व्यापारियों ने बमुश्किल 500 रुपये प्रति क्विंटल का भाव बताया।
विधायक के निवेदन पर आगे आया युवा व्यापारी
टिमरनी क्षेत्र के विधायक कु. अभिजीत शाह किसान परिवार के आशा की एक किरण बन कर पहुंचे। विधायक ने किसान की जली हुई फसल लेकर खुद ट्रैक्टर चलाकर सिराली मंडी पहुंचे। सिराली के व्यापारियों से निवेदन कर कहा कि मैंने आज तक आप लोगों से कुछ नहीं मांगा आज पहली बार आपसे इस लाचार गरीब किसान के लिए कुछ मांग रहा हूं। मैं जानता हूं कि इससे आपका नुकसान होगा पर एक बार फायदे या नुकसान के लिए नहीं, बल्कि मानवता का परिचय देते हुए गरीब किसान की मदद करिए।
विधायक ने व्यापारियों से कहा कि पहली बार मध्यप्रदेश में किसी भी मंडी में जली हुई फसल का भाव लगाइए। इसके बाद मानवता का परिचय देते हुए किसान व्यापारी विवेक सोमानी ने जली और भीगी फसल ऊंचे दाम पर खरीदी। व्यापारी विवेक सोमानी से जब पूछा गया कि वो इस फसल का क्या करेंगे? तो उन्होंने बताया कि फसल बहुत ही खराब हो चुकी है। वे इसे उपयोग में नहीं ला पाएंगे। खरीदने का उद्देश्य केवल किसान की मदद करना था। किसान का गेहूं 2501 रुपये प्रति क्विंटल और चना का भाव 6011 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब खरीदा गया। गेहूं करीब तीस क्विंटल और करीब तीन क्विंटल चना उपज बेची गई।
विधायक ने कहा कि आचार संहिता के कारण विधायक निधि पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बाद भी विधायक ने अपनी तरफ से 15 हजार रुपये की मदद भी की। गरीब आदिवासी किसान के पूरे परिवार को पहनने और ओढ़ने, बिछाने के कपड़ों के साथ बर्तन एवं राशन दिलवाया।
गदगद हुआ किसान
आदिवासी किसान मांगीलाल ने कहा कि उसे विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उसकी जली और भीगी उपज इतने अच्छे दाम पर बिकेगी। उन्होंने विधायक शाह की तारीफ करते हुए कहा कि वे मेरे और मेरे परिवार के लिए भगवान बनकर आए। इतना ही नहीं व्यापारी भी मेरे लिए भगवान से कम नहीं है। घर और फसल जलने के बाद मैं पूरी तरह हिम्मत हार चुका था। अब मदद मिली है तो घर की मरम्मत भी करा सकूंगा और आगामी फसल बोवनी की तैयारी भी कर पाऊंगा।