नई दिल्ली
दस मई को चारधाम यात्रा की शुरूआत होने के बाद से अब तक दर्जनों से अधिक यात्रियों की स्वास्थ्य संबंधी कारणों से मौत हो चुकी है। इसके अलावा, यात्रा मार्ग पर भारी भीड़ के कई चौंकाने वाले वीडियो सामने आए हैं। अब केंद्र सरकार ने इसका संज्ञान लिया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से उत्तराखंड में प्रचलित चारधाम यात्रा की ताजा जानकारी ली। भल्ला ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को धामों, यात्रा मार्गों एवं ठहराव स्थलों में यात्रियों की रिपोर्ट हर दिन गृह मंत्रालय को भेजने के निर्देश दिए हैं।
गृह सचिव ने जरूरत पड़ने पर यात्रा मार्ग पर क्राउड मेनेजमेंट के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की मदद लेने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने भविष्य में चारधाम यात्रा प्रबन्धन की रणनीति हेतु एक कमेटी गठन के निर्देश दिए। उन्होंने धरातल स्तर पर यात्रा प्रबन्धन पर कड़ी निगरानी पर विशेष बल दिया है।
राज्य की मुख्य सचिव ने केंद्रीय गृह सचिव को जानकारी दी कि राज्य में चारधाम यात्रा में सभी राज्यों विशेषकर, पांच प्रमुख राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से सबसे अधिक यात्री चारधाम पर आते हैं। उनके मुख्य सचिवों को पत्र के माध्यम से तथा व्यक्तिगत तौर पर बातचीत कर अनुरोध किया गया है कि तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन के बाद ही चारधाम पर आए तथा जिस तिथि का रजिस्ट्रेशन हुआ है, उस तिथि को ही आए। उन्होंने बताया कि व्यवस्था बनाए रखने के लिए 31 मई तक चारधाम यात्रा के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई गई है।
रतूड़ी ने यात्रा मैनेजमेंट सिस्टम की जानकारी देते हुए जानकारी दी कि पंजीकृत श्रद्धालुओं को बड़कोट (यमुनोत्री), हीना (गंगोत्री), सोनप्रयाग (केदारनाथ) तथा पाण्डुकेश्वर (बद्रीनाथ) में चेक किया जा रहा है। जानकी चट्टी (यमुनोत्री), गंगोत्री मंदिर (गंगोत्री), स्वर्गारोहिणी (केदारनाथ) तथा आईएसबीटी, बीआरओ तथा माणा (बद्रीनाथ) में धामों के दर्शन हेतु पंजीकृत श्रद्धालुओं को टोकन जारी किए जा रहे हैं। मंदिरों के परिसर में पंक्ति में लगे श्रद्धालुओं के टोकन पर मोहर लगाकर उनके लिए धामों के दर्शनों की व्यवस्था की गई है।
मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि 22 मई तक कुल 31,18,926 रजिस्ट्रेशन में से यमुनोत्री हेतु 4,86285, गंगोत्री हेतु 5,54,656, केदारनाथ हेतु 10,37,700, बद्रीनाथ हेतु 9,55,858 तथा हेमकुण्ड साहिब हेतु 84,427 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण करवाया है। उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा पर आने वाले सर्वाधिक श्रद्धालुओं वाले 10 राज्यों में क्रमशः उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, बिहार, हरियाणा, पश्चिम बंगाल तथा छतीसगढ़ हैं।
रतूड़ी ने जानकारी दी कि 2024 में यमुनोत्री में 1,38,537 श्रद्धालुओं ने यात्रा सीजन के पहले 10 दिनों में दर्शन किए। यह आंकड़ा गत दो वर्षों से 127 प्रतिशत अधिक है। गंगोत्री धाम में पहले दस दिनों में 1,28,777 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। जो कि गत दो वर्षों से 89 प्रतिशत अधिक है। जबकि, केदारनाथ धाम में इस वर्ष पहले दस दिनों में 3,19,193 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। जो कि गत दो वर्षाें से 156 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार, बदरी नाथ धाम में इस वर्ष पहले दस दिनों में 1 लाख, 39 हजार 656 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
भल्ला को मुख्य सचिव ने अवगत कराया कि इस वर्ष चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन हेतु परिवहन विभाग ने वाहन चालकों की कैपिसिटी बिल्डिंग तथा मेडिकल स्क्रीनिग की व्यवस्था की है। यात्रा रूट के मुख्य प्रवेश स्थलों पर चार हाईटेक चेक पोस्ट बनाए गए हैं। सोनप्रयाग तथा गौरीकुण्ड मार्ग पर शटल सर्विस की व्यवस्था की गई है। ऑनलाइन व्यवस्था द्वारा ग्रीन कार्ड की व्यवस्था की गई है। अभी तक 23063 ग्रीन कार्ड जारी किए गए हैं। टूरिज्म पोर्टल पर पंजीकृत यात्रियों को ट्रिप कार्ड जारी किए जा रहे हैं।
रतूड़ी ने बताया कि पुलिस विभाग द्वारा इस वर्ष यात्रा रूट पर 56 टूरिज्म पुलिस स्पोर्ट सेन्टर खोले गए हैं। यात्रा पर निगरानी हेतु 850 सीसीटीवी कैमरा तथा आठ ड्रोन लगाए गए हैं। केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर 1495 वाहनों की क्षमता वाले 20 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। पार्किंग मेनेजमेंट हेतु क्यूआर कोड बेस्ड सिस्टम शुरू किया गया है। यमुनोत्री एवं गंगोत्री यात्रा मार्ग पर वाहनों की नियंत्रित आवाजाही हेतु तीन से चार हॉलण्डिंग पाइंट्स बनाए गए हैं। केदारनाथ मार्ग पर बेहतरीन यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। यात्रा मार्ग की सफाई के लिए 657 पर्यावरण मित्रों की तैनाती की गई है।