नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सरकार को रिकॉर्ड डिविडेंड देने का ऐलान किया है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए यह रकम 2.11 लाख करोड़ रुपये है। यह रकम वित्त वर्ष 2022-23 में दिए गए डिविडेंड 87,416 करोड़ रुपये से काफी ज्यादा है। इस एक कदम ने गुरुवार को पूरे शेयर मार्केट को उत्साहित कर दिया था। इस अप्रत्याशित लाभांश को बाजार विश्लेषकों के एक धड़े ने चुनावों के साथ जोड़ दिया। उन्होंने इस बात को यह जोड़कर देखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार केंद्र की सत्ता में वापसी करने जा रहे हैं। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि आरबीआई से 2.1 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड देश की राजकोषीय स्थिति के लिए पॉजिटिव सिग्नल है। इसका इस्तेमाल नई सरकार की राजकोषीय प्राथमिकताओं को स्पष्ट करेगा।
आरबीआई के फैसले पर शेयर बाजार का रिऐक्शन
आरबीआई के निदेशक मंडल ने इस सप्ताह की शुरुआत में वित्त वर्ष 2023-24 में अर्जित मुनाफे से सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड देने का फैसला किया है। यह सरकार की ओर से तय बजट 1.02 लाख करोड़ रुपये से दोगुने से भी ज्यादा है। शेयर बाजार ने अगले ही दिन पर अपनी प्रतिक्रिया दी। गुरुवार को शेयरों में चौतरफा लिवाली देखने को मिली। दोनों स्टैंडर्ड इंडेक्स अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए थे। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों ही सूचकांकों ने 1.6 फीसदी से अधिक की छलांग लगाई। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 29 जनवरी के बाद की अपनी सबसे ऊंची छलांग लगाकर 1,196.98 अंक के फायदे के साथ बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी ने भी इस जबर्दस्त तेजी का लाभ उठाते हुए नया रिकॉर्ड बनाया। निफ्टी 369.85 अंक यानी 1.64 फीसदी उछल गया।
बीजेपी के दोबारा वापसी करने के संकेत मजबूत
कुछ मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सरकार को ज्यादा डिविडेंड का भुगतान इस भरोसे को दिखाता है कि सत्तारूढ़ बीजेपी दोबारा वापसी करेगी। बाजार को मतदान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक स्थिर सरकार बनने की उम्मीद है।
यह डिविडेंड सरकार के लिए बड़ी राहत है। इससे राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद मिलेगी। इसका उपयोग सरकार अलग-अलग सामाजिक और विकास कार्यक्रमों के लिए कर पाएगी। जुलाई में नई सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी। उसमें इस रकम के चलते कई स्कीमों के लिए सरकार के हाथ में पैसा होगा।