इंदौर
आचार संहिता की वजह से अटकी नगर निगम की वन टाइम सेटलमेंट योजना आचार संहिता हटने के तुरंत बाद लागू हो सकती है। नगर निगम इस योजना के माध्यम से जलकर के बकायादारों को बड़ी राहत देने जा रहा है। बकायादार बकाया राशि की पचास प्रतिशत राशि जमा कर अपने जलकर खाते को नियमित करवा सकेंगे। यह राशि उन्हें एक मुश्त जमा कराना होगी।
योजना के माध्यम से नगर निगम ने 100 करोड़ रुपये जलकर वसूलने का लक्ष्य रखा है। इस योजना को आचार संहिता से पहले ही लागू किया जाना था। नगर निगम ने इसका प्रस्ताव राज्य शासन को भेज भी दिया था। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मौखिक रूप से प्रस्ताव पर स्वीकृति भी दे दी थी, लेकिन दस्तावेज इंदौर पहुंचते इसके पहले ही आचार संहिता लागू गई और योजना अटक गई। अब 4 जून को आचार संहिता समाप्त होते ही इसे लागू करने की कवायद शुरू हो जाएगी।
शासन देगा 50 प्रतिशत राशि
इंदौर शहर में हजारों कनेक्शनधारी उपभोक्ता ऐसे हैं जिन्होंने वर्षों से जलकर ही जमा नहीं करवाया है। निगम द्वारा ऐसे उपभोक्ताओं से बकाया जलकर वसूलने के लिए ही यह योजना प्रस्तावित की गई है। इसके तहत बकाया जलकर की पचास प्रतिशत राशि उपभोक्ता से और पचास प्रतिशत की मदद राज्य शासन से ली जाना थी। शासन से अनुमति मिलने का अर्थ होगा कि शासन ने अपने हिस्से की 50 प्रतिशत बकायाकर की राशि देने को हरी झंडी दी है। शेष 50 प्रतिशत राशि नगर निगम को उपभोक्ताओं से वसूलना होगी।
निगम के अधिकारियों के मुताबिक योजना को हरी झंडी मिलने के बाद इस संबंध में मुहिम चलाई जाएगी। इसके बावजूद जो उपभोक्ता बकाया जलकर खाता नियमित नहीं करवाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।