नई दिल्ली.
भले ही दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रहे हों, लेकिन ऐसा लगता है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित इस गठबंधन से ज्यादा खुश नहीं हैं। शनिवार को मतदान करने के बाद उन्होंने बिना नाम लिए ऐसा कुछ कहा कि जिससे आम आदमी पार्टी को लेकर उनके मन की खटास सामने आ गई। दीक्षित ने कहा कि पहले दिल्ली के लोग विकास के लिए वोट डालते थे, लेकिन अब लालच के लिए वोट करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने आप द्वारा दिल्ली के उपराज्यपाल पर धीमी वोटिंग कराने संबंधी लगाए गए आरोपों पर भी उनका बचाव किया और कहा कि वोटिंग धीमी या तेज होना चुनाव की रणनीति पर निर्भर करता है।
मतदान के बाद दिल्ली की बदलती तासीर के बारे में एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए संदीप दीक्षित ने कहा, 'तासीर तो हमेशा बदलती रहती है, दिल्ली में कभी किसी तीसरी पार्टी के लिए कोई गुंजाइश नहीं थी, लेकिन आज दिल्ली में वह भी है। दिल्ली में हमेशा कांग्रेस और भाजपा के बीच खींचतान बनी रहती थी, लेकिन वो तासीर भी बदली और तीसरी पार्टी आ गई। दिल्ली के वोटर की प्रोफाइल भी बदल गई, दिल्ली पहले हमेशा विकास पर वोट करती थी, कभी लालच पर वोट नहीं करती थी, लेकिन अब दिल्ली लालच पर वोट करती है, विकास पर वोट नहीं करती… तो तासीरें तो हमेशा बदलती रहती हैं, इसमें कोई नई बात नहीं है।'
'मतदान का फास्ट या स्लो होना चुनाव रणनीति पर निर्भर'
वहीं एक अन्य एजेंसी से बात करते हुए संदीप ने मतदान के तेज या धीमे होने की वजह भी बताई, उन्होंने कहा, 'ये चुनाव की रणनीति होती है, आपके जो पोलिंग एजेंट होते हैं उन पर बहुत कुछ निर्भर करता है। अगर आपके पोलिंग एजेंट मुस्तैदी से बैठेंगे तो तेजी से वोटिंग होती है। इसमें किसी और पर उंगली उठाने का कोई मतलब नहीं है। ये चुनाव की रणनीति की बातें हैं।' आगे उन्होंने कहा, 'जैसे मैं अभी एक बूथ पर गया था, वहां भाजपा का जो पोलिंग एजेंट था वो सरकारी एजेंटों के साथ बैठा हुआ था, जिससे मतदान धीमा हो रहा था। हमने उसको अलग करवाया। इसके बाद सरकारी ने अलग काम शुरू किया, पार्टी के पोलिंग एजेंट्स अलग हो गए, अपने आप मतदान तेज हो गया। इसलिए मैं मानूंगा कि एलजी साहब ने जो कहा है कि वो सही है कि इसे लेकर कोई शिकायत ना करे। बात ये है कि हमारे जो पोलिंग एजेंट होते हैं, बाहर उनके रिलिवर होते हैं, उनके पास बहुत अधिकार होते हैं। अगर किसी भी कारण से पोलिंग धीमी हो रही हो, चाहे रणनीति के तहत धीमी कर रहे हों या ऐसे ही धीमी हो रही हो तो वे उसे तेज करवा सकते हैं और इस बात को सुनिश्चित कर सकते हैं कि सारे वोटर वोट करें।'
'भाजपा को 200 सीटें मिलना भी मुश्किल'
लोकसभा चुनाव में भाजपा को 300 सीटें मिलने के सवाल पर दीक्षित बोले- 'भाजपा को 300 सीटें तो छोड़िए 200 सीटें मिलना भी मुश्किल लग रही है। अगर आप पूरे एनडीए गठबंधन को भी साथ मान लें तो किसी भी हालत में भी उनको बहुमत नहीं मिल रहा है। अबकी बार सरकार पलटेगी ही पलटेगी, इस बात पर मुझे कोई शक नहीं है।'
आतिशी ने लगाया था एजी पर आरोप
इससे एक दिन पहले दिल्ली सरकार की मंत्री और आप नेता आतिशी ने एलजी वीके सक्सेना पर बड़ा आरोप लगाया था। आतिशी ने कहा था कि सक्सेना ने दिल्ली पुलिस को उन इलाकों में धीमा मतदान कराने के निर्देश दिए हैं, जहां पर इंडिया गठबंधन के वोटर भारी संख्या में हैं। आतिशी ने यह आरोप शुक्रवार रात को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट लिखते हुए लगाया। साथ ही इस मामले में उन्होंने चुनाव आयोग से हस्तक्षेप करने हुए ऐसी किसी भी कोशिश पर रोक लगाने की मांग भी की थी।