येचीयोन
तीरंदाजी के महिला कंपाउंड वर्ग में ज्योति सुरेखा वेन्नम, परनीत कौर और विश्व चैंपियन अदिति स्वामी ने विश्वकप स्वर्ण पदकों की हैट्रिक लगाई। उन्होंने पिछले महीने शंघाई में विश्वकप के पहले चरण में इटली को हराकर स्वर्ण जीता था। वहीं पिछले साल पेरिस में चौथे चरण में भी स्वर्ण हासिल किया था। दुनिया की नंबर एक भारतीय महिला तिकड़ी ने तुर्किये की हेजल बुरून, एइसे बेरा सुजेर और बेजम की टीम को 232-226 से हराकर एक भी सेट गंवाए बिना पहला स्थान हासिल किया।
दूसरी वरीय भारतीय टीम ने तीन एक्स (केंद्र बिंदु के समीप) के साथ शुरुआत की। अगले तीन तीरों में एक-एक अंक गंवाया। पहले दौर में भारतीय टीम पांचवीं वरीयता की अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम से एक अंक से आगे थी। छह तीरों के अगले दौर में भारतीय तिकड़ी ने पूरा दबदबा बनाते पांच परफेक्ट-10 किए और दूसरे दौर की समाप्ति पर बढ़त चार अंकों की कर ली। अंतिम से पहले दौर में हालांकि तुर्किये ने चार परफेक्ट-10 लगाकर चुनौती देने का प्रयास किया लेकिन अंतिम दौर में भारतीय टीम ने 58 स्कोर अर्जित कर जीत तय कर ली।
मिश्रित टीम स्पर्धा में भारत की चांदी
एशियाई खेलों की चैंपियन ज्योति हालांकि दूसरा स्वर्ण नहीं जीत सकी और उन्हें मिश्रित टीम स्पर्धा में प्रियांश के साथ रजत पदक मिला। ज्योति-प्रियांश की कंपाउंड मिश्रित टीम फाइनल में अमेरिका की ओलिविया डीन और सायेर सुलिवान की जोड़ी से 155-153 से हार गई। यह मुकाबला दो श्रेष्ठ रैंकिंग की टीमों के बीच था। पहले दौर में भारतीय टीम 40 में से 39 अंक लेकर आगे थी लेकिन अगले दौर में ओलिविया और सुलिवान ने स्कोर 76-76 कर दिया। दूसरी वरीयता की अमेरिकी टीम ने फिर तीसरे दौर में 40 का परफेक्ट स्कोर किया जबकि भारतीय टीम 39 ही हासिल कर सकी। शूट ऑफ के लिए भारतीय टीम को अब 40 के स्कोर की जरूरत थी लेकिन टीम 38 ही कर पाई। अमेरिका ने 39 के स्कोर के साथ स्वर्ण जीत लिया। कंपाउंड में तीसरे पदक रह गया जब प्रथमेश फुगे नीदरलैंड के माइक स्केलोसर से कांस्य पदक के शूट ऑफ में हार गए। इससे पहले फुगे को सेमीफाइनल में अमेरिका के जेम्स से हार मिली थी।