राजकोट/नई दिल्ली
गुजरात के राजकोट में गेम जोन अग्निकांड में मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने रविवार को दुर्घटना स्थल का दौरा किया। घायलों के इलाज की व्यवस्था को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 25 मृतकों की पहचान हो चुकी है। इनमें कम से कम चार 12 साल से कम उम्र के बच्चे हैं। हालांकि, अब तक केवल दो बच्चों की पहचान हो पाई है। राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये आर्थिक मदद देगी।
तीन और लोग घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है। उनकी हालत स्थिर है। वहीं राजकोट अग्निकांड में घायल हुए लोगों के इलाज के लिए एम्स राजकोट में 30 आईसीयू बेड तैयार किए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा है कि एम्स को पूरी मदद करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
इस बीच गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि घटना के बाद एक व्यक्ति अभी भी लापता है।एसआईटी के सदस्यों ने स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक की। मृतकों की पहचान के लिए शवों और पीड़ित के रिश्तेदारों के डीएनए नमूने एकत्र किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि गेम जोन के मालिक और प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसआईटी को घटना की जांच करके और 72 घंटे के भीतर शुरुआती जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।
गुजरात हाईकोर्ट की विशेष पीठ ने रविवार को राजकोट के एक खेल क्षेत्र में आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लिया। न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव और देवन देसाई की पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मानव निर्मित आपदा थी। इस तरह के खेल क्षेत्र और मनोरंजन सुविधाएं सक्षम अधिकारियों से आवश्यक मंजूरी के बिना बनाई गई हैं। पीठ ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगमों को तलब कर बताने को कहा है कि अधिकारियों ने कानून के किस प्रावधान के तहत इन इकाइयों को स्थापित करने या उनके अधिकार क्षेत्र में संचालन जारी रखने का निर्देश दिया।