बुंदेलखंड
छतरपुर जिले के बड़ामलहरा अनुभाग से महज 40 km ki दूरी पर स्थित अबार माता मेला मैं बहुत भीड़ देखने को मिल रही है छतरपुर जिले का अबार माता मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध एवम अनूठा मंदिर है 850 साल पुराना मंदिर हैपहले इस मंदिर के पत्थर की चट्टान कम थी धीरे धीरे इस मंदिर के पत्थर की चट्टान आज लगभग 70 फीट हो गई है कहा जाता है कि इस चट्टान को छूने मात्र से निः संतान को संतान की प्राप्ति होती है लोग इस पत्थर को जुड़ाव भगवान शिव से मानते है
जो क्योंकि हर महाशिवरात्रि को इस पत्थर की लंबाई एक 01 तिल के बराबर बड़ जाती है बताया जाता है की इस मंदिर को आल्हा ऊदल ने बनवाया था कहा जाता है की जब आल्हा ऊदल महोबा से माधवगढ़ जाते वक्त उन्हें अबेर हो गई थी जिसे बुंदेलखंडी मैं शाम गहराना होता है जिसके चलते आल्हा ऊदल ने अपना डेरा यही पर डाल लिया और रोज की भाती अपनी पूजा पाठ का आह्वान किया तो मां प्रकट हो गई और उन्हें दर्शन दिए तब से अबार माता के नाम से जानी जाने लगी इस मंदिर मैं हर रोज श्रद्धालु आते रहते है और साल की बैशाख पूर्णिमा से 15 दिन तक यह मेला लगता है जिसमे मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा से लगे ग्रामों से लोग मेले मैं शामिल होते है