रायपुर.
छत्तीसगढ़ पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय शूटर लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू के चार शूटरों को गिरफ्तार किया है। अगले 24 घंटे में आरोपी छत्तीसगढ़ और झारखण्ड में बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे। सभी शूटर छत्तीसगढ़ के किसी कारोबारी को जान से मारने की सुपारी मिली थी। इसलिए तीन शूटर रायपुर पहुंचे हुए थे। पुलिस ने रायपुर से तीन और राजस्थान से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से एक पिस्टल, एक खाली मैग्जीन और 4 मोबाइल फोन जब्त किया गया है।
पूरे मामले में रायपुर आईजी ने खुलासा करते हुए बताया कि विश्वसनीय सूत्रों और इंटेलीजेन्स इनपुट के आधार पर कुख्यात अंतर्राष्ट्रीय गैंग के कुछ सदस्यों की रायपुर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम वाले थे। इस पर पुलिस ने 72 घंटे का गोपनीय ऑपरेशन प्लान कर छत्तीसगढ़ से तीन आरोपियों को और राजस्थान से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। योजना के मुताबिक मयंक सिंह जो झारखण्ड के अमन साहू गैंग को संचालित करता है। इसने रोहित स्वर्णकार निवासी बोकारो झारखण्ड को पहले पिस्टल की व्यवस्था के लिए मध्य-प्रदेश के इंदौर शहर भेजा और इंदौर के सेंधवा से अपने संपर्क के माध्यम से एक पिस्टल और एक मैग्जीन उपलब्ध कराया। रोहित को पिस्टल लेकर रायपुर पहुंचने के लिये निर्देशित किया। मयंक सिंह ने राजस्थान के जिला पाली के ग्राम सारन में बैठे पप्पू सिंह को वारदात को अंजाम देने के लिये एक बाइक राइडर की व्यवस्था करने के लिए कहा गया। पप्पू सिंह ने सारन निवासी मुकेश कुमार भाट और देवेन्द्र सिंह को वारदात के वक्त बाइक राइड़िंग के लिये रायपुर रवाना किया गया। रोहित स्वर्णकार इंदौर के सेंधवा से पिस्टल लेकर उज्जैन में महाकाल के दर्शन कर ट्रेन के माध्यम से रायपुर पहुंचा। मुकेश और देवेन्द्र बस के माध्यम से रायपुर पहुंचे। प्लानिंग के मुताबिक रायपुर पुलिस के जवान इन्हें चिन्हित करने के लिए सादे लिबास में शहर के संभावित स्थलों पर तैनात किये गये।
सादे लिबास में पेट्रोलिंग की अलग पार्टीयां तैनात की गई। सतत् मॉनिटरिंग के दौरान 72 घंटे के इस सर्वथा गोपनीय ऑपरेशन में 01 आरोपी रोहित स्वर्णकार को गंज थाना क्षेत्र में चिन्हित कर उसकी गतिविधि मॉनिटर की गई और संदिग्ध गतिविधि नजर आने पर उसे लिफ्ट किया गया, जिसके कब्जे से 01 पिस्टल व 01 मैग्जीन बरामद किया गया है साथ ही भाठगांव चौक में सादे लिबास में मौजूद टीम ने 02 संदिग्ध व्यक्तियों को पाईंट आउट किया और उनकी गतिविधियों पर निगाह रख उन्हें लिफ्ट कर कड़ाई से पूछताछ करने पर उन्होंने राजस्थान से पप्पू सिंह ने यहां फायरिंग के दौरान बाईक राईडिंग करने के लिये भेजना बताया। शूटर को झारखण्ड से आना बताया गया। तीनों आरोपियों ने पूछताछ में पूरी योजना को मयंक सिंह जो झारखण्ड के अमन साहू गैंग को वर्तमान में संचालित कर रहा है। इसके कहने पर राजस्थान के जिला पाली निवासी पप्पू सिंह के साथ मिलकर बनायी गई थी। गैंग के मोडस में शूटर और राईडर को एक – दूसरे से अपनी पहचान छिपाने तथा किसी तकनीकी संपर्क में न रहने और अपने – अपने माध्यमों से एप के माध्यम से नेट कॉलिंग से ही संपर्क में रहने की हिदायत थी। किसी भी विपरीत परिस्थिति या पुलिस की गिरफ्त की स्थिति में अलग – अलग कोड वर्ड तय किये गये थे। मयंक ने रोहित को 29-29 कोड यूज करने और पप्पू ने मुकेश को राम-राम और जय माता दी कोड यूज करने निर्देशित किया गया था। टॉरगेट रायपुर पहुंचने पर ही उपर से बताया जाता। गोली और बाईक की व्यवस्था मयंक कराता था। पूछताछ से प्राप्त सूचना पर तकनीकी समीक्षा पर आरोपी पप्पू सिंह का पाली सारन में रहकर गैंग को निर्देशित करने के तथ्य सामने आने पर पहले से ही दिल्ली में मौजूद रायपुर पुलिस की एक टीम को तत्काल राजस्थान के जिला पाली मूव्ह कराया गया।
आर्गेजनाईशल सपोर्ट से पाली के सारन गांव में पप्पू सिंह को बिना भनक लगे लिफ्ट कर लिया गया। आरोपियों ने पूछताछ में मयंक सिंह को मलेशिया से इस योजना को ऑपरेट करना बताया गया है। राजस्थान, झारखण्ड तथा छत्तीसगढ़ की पुलिस व आसूचना की संस्थायें लगातार संपर्क में रहकर आसूचनाओं को साझा कर रहीं है। आरोपियों से टॉरगेट के संबंध में विस्तृत पूछताछ की जा रहीं है, इन्हें थाना गंज में अपराध क्रमांक 223/24 धारा 399, 402, 386, 120बी भादवि. एवं 25 आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार किया गया है और आरोपियों को पुलिस रिमाण्ड प्राप्त कर इस संगठित अपराधिक गिरोह के सदस्यों को पाईंट आउट करने तथा पूरी प्लानिंग की जानकारी प्राप्त करने के प्रयास किये जा रहे है।