सभी एकादशियों में अपरा एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है। साथ ही व्यक्ति के महापापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु के त्रिविक्रम स्वरुप की पूजा की जाती है। अपरा एकादशी के व्रत को लेकर इस साल कंफ्यूजन बना हुआ है। अपरा एकादशी का व्रत 2 या 3 जून कब रखा जाए इसे लेकर कंफ्यूजन बना हुआ है। आइए जानते हैं इस साल कब रखा जाएगा अपरा एकादशी का व्रत।
कब रखा जाएगा अपरा एकादशी का व्रत
अपरा एकादशी तिथि का आरंभ 2 जून को सुबह 5 बजकर 5 मिनट पर होगा और 3 जून को मध्यरात्रि 2 बजकर 42 मिनट तक एकादशी तिथि समाप्त होगी। शास्त्रों के अनुसार, उदया तिथि में एकादशी तिथि होने के कारण 2 जून को अपरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। व्रत के पारण का समय 3 जून को सुबह शुभ चौघड़िया में सुबह 8 बजकर 51 मिनट से 10 बजकर 35 मिनट तक कर सकते हैं।
अपरा एकादशी पूजा मुहूर्त
चल चौघड़िया मुहूर्त सुबह 7 बजकर 7 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक।
लाभ चौघड़िया सुबह 8 बजकर 51 मिनट से 10 बजकर 35 मिनट तक।
अमृत चौघड़िया सुबह 10 बजकर 35 मिनट से 12 बजकर 19 मिनट तक।
इन सभी शुभ मुहूर्त में आप अपरा एकादशी के दिन पूजा कर सकते हैं।
अपरा एकादशी का महत्व
ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही व्यक्ति रोग मुक्त और कई तरह की आर्थिक समस्याओं से भी मुक्त होता है। पद्म पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति अपरा एकादशी का व्रत रखता है। उसे अपने जीवन में सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है।