ग्वालियर
मध्य प्रदेश के कई जिलों में पारा 45 डिग्री के पार जा चुका है. ग्वालियर की बात करें, तो यहां भी भीषण गर्मी पड़ रही है. घरों से निकलना मुश्किल हो चला है. ऐसे में कुछ बच्चे समाजसेवा के भाव की मिसाल पेश कर रहे हैं. बच्चे राहगीरों को ठंडा पानी पिला रहे हैं. खास बात यह है कि बर्फ, पानी आदि के पैसे बच्चों ने अपनी पॉकेट मनी से जमा किए हैं. वे हर रोज पांच घंटे तक इस काम को कर रहे हैं. दूरदराज से JAH आने वाले लोग ठंडे पानी के लिए परेशान न हों, इसके लिए वे अस्पताल के बाहर ठंडा पानी बांट रहे हैं. सभी बच्चे दीक्षा वेलफेयर फाउंडेशन से जुड़े हैं. यह संस्था पिछले 8 साल से समाजसेवा के कार्यों से जुड़ी है.
दीक्षा वेलफेयर फाउंडेशन की अध्यक्ष दीक्षा दुबे ने कहा कि जब उन्होंने 8 साल पहले यह सेवा शुरू की थी, तब वह अकेली थीं. आज उनके साथ करीब 70 लोग जुड़ चुके हैं. टीम में 7 साल से लेकर 28 साल के लड़के-लड़कियां शामिल हैं. वे लोग गर्मी के मौसम में चार महीने तक JAH की ओपीडी के बाहर मरीजों और तीमारदारों को ठंडा पानी पिलाते हैं. टीम के लोग सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक पानी पिलाते हैं. हर घंटे बारी-बारी से वे इस काम को करते हैं.
इस तरह मिली प्रेरणा
उन्होंने इस काम को शुरू करने की प्रेरणा के बारे में बताते हुए कहा कि 8 साल पहले वह पड़ोस में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला को दिखाने के लिए इस अस्पताल की ओपीडी में आई थीं. डॉक्टर को दिखाने के बाद वह दवा वाली लाइन में लग गईं. उन्हें प्यास लगी तो वह आगे खड़े शख्स से बोलकर पानी पीने चली गईं. जब लौटी तो किसी ने उन्हें उनकी जगह पर लाइन में लगने नहीं दिया. फिर उन्हें सबसे पीछे लगना पड़ा. तभी से उन्होंने ठान लिया कि वह अस्पताल आने वाले लोगों को पानी पिलाने में मदद करेंगी.
टीम के ज्यादातर मेंबर स्टूडेंट
दीक्षा ने बताया कि उनकी टीम के ज्यादातर मेंबर स्टूडेंट हैं. वे अपनी पॉकेट मनी से सेवा करते हैं. काफी लोग उनके इस काम में रुपयों-पैसों से मदद करना चाहते हैं लेकिन वे लोग पैसे नहीं लेते. इसके बदले वे बर्फ, पानी या फिर सेवा के काम में लगने वाला सामान ले लेते हैं. विशेष दिनों पर पानी के साथ शर्बत वितरण भी किया जाता है.