ताइवान
ताइवान के आसपास चीन के सैन्य अभ्यास ने नई अटकलों को जन्म दिया है । माना जारहा है कि चीन ने ताइवान पर पूर्ण आक्रमण के बजाय संभावतः नाकाबंदी शुरू कर दी है। चीनी नाकाबंदी में नौसेना और वायु सेनाएं ताइवान की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मार्गों तक पहुंच को प्रतिबंधित कर सकती हैं। ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने चीन से आग्रह किया कि वह "ताइवान के खिलाफ अपनी राजनीतिक और सैन्य धमकी बंद करें" और "सुनिश्चित करें कि दुनिया युद्ध के डर से मुक्त हो।"
चीन के इस एक्शन से वैश्विक बाज़ार और अर्थव्यवस्थाएँ संभावित उथल-पुथल के लिए तैयार हैं। उधर अमेरिका ने ताइवान का समर्थन करने की "कसम खाई" है। बता दें कि ताइवान में नए राष्ट्रपति के उद्घघाटन भाषण के जवाब में चीन द्वारा आस-पास के क्षेत्र में सैन्य अभ्यास करने के तुरंत बाद अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को नए नेता से मुलाकात कर अपना समर्थन जाहिर किया। अमेरिकी कांग्रेस में ताइवान कॉकस के सह-अध्यक्ष प्रतिनिधि एंडी बार्र ने कहा कि अमेरिका, ताइवान की सेना, कूटनीति और अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
केंटकी के प्रतिनिधि ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ''अमेरिका, ताइवान में यथास्थिति और शांति बनाए रखना चाहता है और इसको लेकर अमेरिका, ताइवान या फिर दुनिया में कहीं भी किसी प्रकार का कोई संदेह नहीं होना चाहिए।'' चीन ताइवान को एक विश्वासघाती प्रांत मानता है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर वह बलपूर्वक अपने नियंत्रण में ले सकता है। अधिकांश देशों की तरह, अमेरिका के ताइवान के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं लेकिन वह द्वीप को उसकी रक्षा के साधन प्रदान करने के लिए अपने खुद के कानूनों का हवाला देता है। चीनी सरकार ने अमेरिकी सांसदों की यात्रा पर कड़ा विरोध व्यक्त किया और कहा कि इस दौरे ने चीन-अमेरिका संबंधों और ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को कमजोर किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने बीजिंग में कहा, ''अमेरिकी सांसदों की यात्रा ताइवान के साथ केवल अनौपचारिक संबंध बनाए रखने की अमेरिकी सरकार की राजनीतिक प्रतिबद्धता के खिलाफ है। यह दौरा ताइवान की स्वतंत्रता की अलगाववादी ताकत का गंभीर रूप से गलत संकेत भेजता है।'' ताइवान के नये विदेश मंत्री लिन चिया-लुंग ने हाल ही में चीन द्वारा किये गये सैन्य अभ्यासों पर गौर करते हुए इस महत्वपूर्ण समय में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से एकजुटता का संकेत दिखाने के लिए मुलाकात करने का आह्नान किया था। प्रतिनिधिमंडल में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल थे। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष प्रतिनिधि माइकल मैककॉल ने किया। पिछले वर्ष अप्रैल में ताइवान की यात्रा के बाद रिपब्लिकन पार्टी के टेक्सास प्रतिनिधि पर चीन ने प्रतिबंध लगा दिया था।