नई दिल्ली
नए संसद भवन के उद्घाटन के एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य पर खास बातचीत करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दावा किया है कि संसद भवन आज भी सुरक्षित है और भविष्य में और ज्यादा सुरक्षित रखने के लिए व्यापक कार्य योजना बनाई गई है। खास बातचीत करते हुए बिरला ने कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन को एक वर्ष पूरे हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का शिलान्यास 10 दिसंबर 2020 को और उद्घाटन 28 मई 2023 को किया था। कोविड के संकटकाल में पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण ही इतने कम समय में नया संसद भवन बन पाया। नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है और इसमें भारत की संस्कृति, परंपरा और आत्मनिर्भरता की झलक दिखाई देती है।
नए संसद भवन की यादगार उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि महिलाओं को आरक्षण देने वाले दशकों से लंबित विधेयक (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को नए संसद भवन में पारित किया गया। यह नया संसद भवन ब्रिटिशकाल में बनाए गए कानूनों 'आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट' की जगह लेने वाले भारत के तीन नए कानूनों 'भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य कानून' को बनाने के लिए याद किया जाएगा। अयोध्या में राम मंदिर बनने पर सदन में संकल्प पारित हुआ और 2047 के विजन पर भी नए संसद भवन में चर्चा हुई।
संसद भवन से उनकी कई यादें जुड़ी हुई हैं, कई उपलब्धियां हासिल हुई, हर वाकया यादगार है। लेकिन, नए संसद भवन में न्याय के प्रतीक सेंगोल को स्थापित करना उनके लिए सबसे यादगार लम्हा है। यह नया संसद भवन अपने आप में बहुत सारे विषयों के लिए याद रखा जाएगा। बिरला ने आईएएनएस को बताया कि दुनिया के कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों, वहां की संसद के स्पीकरों और विदेशी राजनयिकों से लेकर भारत की न्यायपालिका एवं रक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों, फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों एवं देश के किसान, मजदूर एवं आम लोगों सहित अब तक 80 हजार से ज्यादा लोग नए संसद भवन का भ्रमण कर चुके हैं।
नए संसद भवन की सुरक्षा में हुई चूक और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने को लेकर आईएएनएस के सवाल का जवाब देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि निश्चित रूप से समय-समय पर जो भी घटनाएं घटती हैं, उसकी जांच रिपोर्ट आती है। हमने सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहतर प्रबंध किए हैं, नवीन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया है। संसद भवन आज भी सुरक्षित है और भविष्य में और ज्यादा सुरक्षित रहे, इसके लिए हमने व्यापक कार्य योजना बनाई है।
राजस्थान के कोटा से लोकसभा चुनाव लड़ रहे बिरला ने भविष्य की योजनाओं को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भविष्य को लेकर कोई योजना नहीं होती है क्योंकि लोकतंत्र के अंदर जनता फैसला करती है और जनता जो फैसला करती है, वह सबको मान्य होता है। नई सरकार में फिर से लोकसभा अध्यक्ष का दायित्व मिलने के सवाल पर बिरला ने कहा कि वे एक कार्यकर्ता हैं और कार्यकर्ता के नाते जो भी जिम्मेदारी मिलती है, उसको निभाते हैं।