गोरखपुर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीपीगंज में गोरखपुर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रविकिशन शुक्ल के पक्ष में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को रामद्रोही बताते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव रामभक्तों और रामद्रोहियों के बीच है। रामभक्त ही दिल्ली के सिंहासन पर राज करेगा।
उन्होंने कहा कि तुष्टीकरण की राह पर चलने वाली कांग्रेस और सपा को देश की जनता वहां पहुंचा देगी, जहां उनका कोई नाम लेने वाला नहीं होगा। एक तरफ भगवान राम को नकारने वाले, रामभक्तों पर गोली चलवाने वाले, राम मंदिर को बेकार बताने वाले हैं, दूसरी तरफ 500 वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त कराकर प्रभु रामलला को उनके भव्य मंदिर में विराजमान कराने वाले हैं। राम मंदिर पूरे भारत की सनातन आस्था का प्रतीक है। इस चुनाव में वह प्रचार के लिए देश में जहां भी गए, हर जगह पीएम मोदी को भरपूर समर्थन मिल रहा है। हर क्षेत्र से एक ही आवाज गूंज रही है कि जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे।
सीएम योगी ने कहा कि जो राम मंदिर पूरे भारतवर्ष के लोगों के लिए गौरव है, उसे लेकर कांग्रेस कहती है कि यह मंदिर नहीं बनना चाहिए था, इससे दुनिया में गलत संदेश गया है। समाजवादी पार्टी कहती है कि राम मंदिर बेकार बना है। मैं कहता हूं कि राम मंदिर तो ठीक बना है। लेकिन, राम मंदिर को बेकार बताने वाले लोगों की बुद्धि में भूसा भर गया है। एक तरफ राम और राम मंदिर का विरोध करने वाले रामद्रोही हैं। दूसरी तरह राम की सेवा करने वाले, रामलला को विराजमान करने के लिए 500 वर्षों की प्रतीक्षा के कालखंड को समाप्त करने वाले रामभक्त हैं। ये वो रामभक्त हैं, जिन्होंने रामलला के विराजमान होने से पहले अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि के नाम पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनवाया, श्रीराम के सखा निषादराज के नाम पर प्रतीक्षालय बनवाया, माता शबरी के नाम पर भोजनालय बनवाया। ये वो रामभक्त हैं जो प्रयागराज में निषादराज की 56 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित कराते हैं, निषादराज को पूरा सम्मान देते हैं। निषादराज के कोई अनुयायी रामद्रोहियों के साथ खड़े नहीं हो सकते।
उन्होंने कहा कि चुनाव में रामभक्तों पर गोली चलवाने वाले लोग आज आपके आंख में धूल झोंकने का प्रयास करेंगे, लेकिन बहकावे में नहीं आना है। रामद्रोही कभी चैन से नहीं बैठ पाया है। वह कितना ही बड़ा क्यों ना हो, कितना ही ताकतवर हो, उसकी दुर्गति जरूर हुई है, उसका पतन जरूर हुआ है। रामभक्त प्रभु के आशीर्वाद से प्रगति पर ध्यान देते हैं। आज रामभक्त देश के विकास के लिए एक्सप्रेसवे, एम्स, मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, आईआईएम, एयरपोर्ट बनाने के लिए, हर घर नल से जल पहुंचाने के लिए, औद्योगिकीकरण के लिए काम कर रहे हैं। रामभक्त मोदी सरकार ने चार करोड़ गरीबों के मकान बनवाए, जो बच गए हैं, उन्हें 4 जून के बाद सरकार बनने पर मिल जाएंगे। गरीबों के इलाज के लिए आयुष्मान योजना, उज्ज्वला योजना से फ्री रसोई गैस कनेक्शन रामभक्त सरकार की ही देन है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कांग्रेस ने स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह को इसलिए सीएम पद से हटाया था कि वह रामभक्त थे। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का ताला खुलवाने में अपना योगदान दिया था। एक तरफ रामभक्तों द्वारा किए गए कार्य हैं, दूसरी तरफ रामद्रोहियों के शासन में क्या होता था, इसका परिणाम भी आपके सामने है। जब सपा की सरकार प्रदेश में थी और केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब गरीब भूख से मरता था, किसान आत्महत्या करता था, नौजवान पलायन करता था, बेटियां और व्यापारी सुरक्षित नहीं थे। गरीब को मकान नहीं मिलता था, पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी, इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी से मासूम दम तोड़ता था। आतंकवादी घटनाएं होती थी। अयोध्या में राम मंदिर और वाराणसी में संकटमोचन मंदिर पर हमला सपा की सरकार में हुआ था। दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद में आतंकी विस्फोट कांग्रेस की सरकार में हुए।
सीएम योगी ने कहा कि एक तरफ देश को सुरक्षित, ताकतवर बनाने के साथ दुनिया में नए प्रतिमान स्थापित करने वाली मोदी सरकार है तो दूसरी तरफ भारत के खिलाफ साजिश करने वाली कांग्रेस और सपा गठबंधन है। इनके घोषणा पत्र में कहा गया है कि ये सत्ता में आएंगे तो पर्सनल लॉ लागू करेंगे। पर्सनल लॉ मतलब तालिबानी शासन, जिसमें बेटी स्कूल नहीं जा सकती, महिलाएं बाजार नहीं जा सकती, बुर्के में घर के अंदर रहना पड़ेगा।