नई दिल्ली
विक्रमादित्य चौफला को रोटरडम में 31 जुलाई से चार अगस्त तक होने वाली विश्व रैकेलटन चैंपियनशिप के लिए छह सदस्यीय भारतीय टीम का कप्तान नियुक्त किया गया है।
रैकेलटन एक संयुक्त खेल है जिसमें प्रतिस्पर्धियों को चार रैकेट खेल- टेबल टेनिस, बैडमिंटन, टेनिस और स्क्वाश खेलना होता है। पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी विक्रमादित्य पिछली दो विश्व चैंपियनशिप में भी भारत की रैकेलटन टीम का हिस्सा रह चुके हैं।
टीम में निहित कुमार सिंह, करण तनेजा, प्रशांत सेन, निखिल मनसुखानी और एकमात्र महिला खिलाड़ी नैना तनेजा को जगह मिली है। रैकेलटन भारत खेल संघ ने टीम घोषित की।
मेजर राधिका सेन संयुक्त राष्ट्र के सैन्य पुरस्कार से सम्मानित होंगी
संयुक्त राष्ट्
भारतीय महिला शांति रक्षक मेजर राधिका सेन को संयुक्त राष्ट्र के एक प्रतिष्ठित सैन्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कांगो में चुनौतीपूर्ण माहौल में काम कर वहां समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए उत्कृष्ट योगदान दिया है।
कांगो गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र संगठन स्थिरीकरण मिशन में सेवा दे चुकीं मेजर राधिका सेन को 30 मई को अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दिवस के मौके पर सम्मानित किया जाएगा। विश्व निकाय के मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस द्वारा उन्हें ‘2023 यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड प्रदान किया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, मेजर राधिका सेन भारतीय त्वरित तैनाती बटालियन की कमांडर के तौर पर मार्च 2023 से अप्रैल 2024 तक कांगो गणराज्य के पूर्व में तैनात थीं। एंटोनियो गुटारेस ने उन्हें ‘सच्चा नेता और आदर्श बताया और कहा कि उनकी सेवा समग्र रूप से संयुक्त राष्ट्र के लिए एक योगदान है। अभी संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाली महिला सैन्य शांतिरक्षकों में भारत का 11वां सबसे बड़ा योगदान है।
हिमाचल की रहने वाली हैं राधिका
हिमाचल प्रदेश में 1993 को जन्मीं मेजर राधिका सेन आठ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुईं। उन्होंने बायोटेक इंजीनियर के तौर पर स्नातक किया। जब उन्होंने सेना में शामिल होने का फैसला किया था, उस समय वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बंबई से परास्नातक की पढ़ाई कर रही थीं।
सम्मान हासिल करने वाली दूसरी भारतीय शांति रक्षक
मेजर राधिका सेन मेजर सुमन गवानी के बाद इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाने वाली दूसरी भारतीय शांति रक्षक हैं। मेजर सुमन गवानी ने दक्षिणी सूडान में संयुक्त राष्ट्र के मिशन में सेवा दी थी। उन्हें 2019 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।