खरगोन
नर्सिंग कालेजों फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद जिले में संचालित हो रही कालेजों की मान्यता भी सवालों के घेरे में आ गई है। खुद कालेज के विद्यार्थी कालेजों के खिलाफ मुखर हो रहे हैं। जिले के मंडलेश्वर में संचालित हो रहे सुजस नर्सिंग कालेज में प्रबंधन व छात्र-छात्राओं के बीच चल रहा मामला मंगलवार को जिला मुख्यालय पहुंच गया। बड़ी संख्या में पहुंची छात्राओं ने कालेज प्रबंधन पर कागजों पर कालेज चलाने, फर्जी तरीके से उनसे लाखों रुपये की फीस वसूली और भविष्य बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
छात्राओं ने मांग की है कि तीन साल से परीक्षाएं नहीं हुई है। हमारे दस्तावेज अन्य कालेज में ट्रांसफर किए जाकर एडमिशन देने के साथ ही परीक्षा ली जाए, जिससे उनका शैक्षणिक सत्र खराब न हो। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा के नाम सौंपे शिकायती पत्र में छात्रा प्रीति गिरवाल, अश्विनी रायकवार, खुशी श्रीवास, शिवानी डावर आदि ने बताया कि उन्होंने तीन साल पहले कालेज में प्रवेश लिया था।
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तीन साल में एक बार भी परीक्षा नही हुई है। हाल ही में अन्य कालेजों में हो रहे एनरोलमेंट के बाद हमें कालेज की मान्यता नहीं होने की जानकारी मिली है। इसके बाद से कालेज में पढ़ रही सभी छात्राएं अपने भविष्य को लेकर चिंतित है।
कालेज प्रबंधन इस फर्जीवाडे का खुलासा होने के बाद जवाब देने की स्थिति में नही है, न ही स्थानीय प्रशासन शिकायत के बाद कोई कार्रवाई कर रहा है। विद्यार्थियों का कहना है कि शिकायत के बाद कलेक्टर ने कहा कि टीम का गठन करेंगे। इसके बाद कालेज की जांच की जाएगी।
किराए के तीन कमरों से कालेज
विद्यार्थियों ने आरोप लगाया है कि कालेज के पास मान्यता नहीं है। इसके बाद भी जीएनएम और बीएससी नर्सिंग में धड़ल्ले से एडमिशन दिए गए। इतना ही नही विद्यार्थियों से इनरोलमेंट के नाम पर 25-25 हजार रुपए की मोटी फीस वसूल की है, लेकिन आज तक नामांकन नहीं हुआ है। इसके अलावा कालेज फीस के नाम पर समय- समय पर रुपए वसूल किए गए। जबकि कालेज में न तो स्वयं का भवन है, कालेज के नाम पर तीन कमरों का भवन किराये पर ले रखा है।
वहां भी न ही पानी, न ही सुविधाघर जैसी बुनियादी सुविधाएं हैं। कालेज केवल किसी अफसर की विजिट के दौरान बुलाया जाता था। न हमें प्रैक्टिस कराई जाती है न ही पढ़ाई होती है। अब कालेज प्रबंधन कर रहा अभद्र व्यवहार विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि जब कालेज के फर्जीवाडे का मामला उजागर हुआ तो हमने प्रबंधन से मुलाकात कर उनका पक्ष जानना चाहा।
इस पर प्रबंधन द्वारा अभद्र व्यवहार कर हमें कोई जवाब नहीं दिया गया। विद्यार्थियों का कहना है कि रोजगार और अच्छे भविष्य की आस में तीन वर्ष पढ़ाई की थी, लेकिन अब उन्हें अपना भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है। परिवार वाले भी मानसिक रुप से परेशान है। इसके अलावा ओरिजनल डाक्यूमेंट जिसमें टीसी सहित 10 वीं, 12 वीं की मार्कशीट, पेन कार्ड, बैंक पास बुक, आधार कार्ड जैसे अन्य दस्तावेज कालेज प्रबंधन के पास है। हम काफी समय से परेशान हो रहे हैं।