जबलपुर
जबलपुर की पिता और भाई की हत्या करने वाली नाबालिग लड़की को हरिद्वार में पकड़ा गया. कोतवाली पुलिस ने बुधवार को जिला हॉस्पिटल के निकट से उसे हिरासत में लिया. 14-15 मार्च को जबलपुर के मिलेनियम कॉलोनी में पिता-पुत्र की हत्या हो गई थी. इस मामले में मृतक की नाबालिग बेटी और एक मुकुल कुमार सिंह नाम का शख्स आरोपी हैं. लड़की को हरिद्वार से हिरासत में लिया गया. वहीं युवक फरार होने में सफल रहा.
मिली जानकारी के अनुसार मुकुल कुमार सिंह डबल मर्डर का मुख्य आरोपी है. वह हरिद्वार से फरार हो गया. वहीं नाबालिग पकड़ी गई. दोनों एक साथ थे. नाबालिग ने पूछताछ में हत्या में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली है. वह अपने पिता और भाई की हत्या कर फरार हो गई थी. मार्च से ही वह फरार चल रही थी. अब उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
अस्पताल के पास एक कपल के होने की मिली थी सूचना
एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल का कहना है कि पुलिस ने जब चेकिंग अभियान चलाया तो, इसी समय पुलिस को सूचना प्राप्त हुई थी कि जिला अस्पताल के पास में एक जोड़ा है. इसमें लड़के का नाम मुकुल कुमार सिंह है और उसके साथ एक लड़की है. दोनों को जब पूछताछ के लिए बुलाया गया तो इस बीच-बीच बचाव करते हुए मुकुल कुमार सिंह जो वांछित था फरार हो गया.
लड़की ने कबूला अपना अपराध
लड़की से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह जबलपुर से 302, 201 में अपने पिता और अपने भाई की हत्या में वांछित चल रही है. जब पुलिस ने जबलपुर पुलिस से संपर्क किया तो जबलपुर पुलिस ने इसकी पुष्टि की. जबलपुर पुलिस यहां पूछताछ के लिए आ रही है और पूछताछ के बाद ही इनको सुपुर्द किया जाएगा और की कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस को चकमा देकर आरोपी फरार
जबलपुर के एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने नाबालिग किशोरी की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि डबल मर्डर का आरोपी मुकुल सिंह और मृतक की नाबालिग बेटी के हरिद्वार में होने की सूचना पर लोकल पुलिस द्वारा छापेमारी की गयी. इस दौरान नाबालिग को छोड़कर आरोपी मुकुल फरार हो गया, उसकी तलाश की जा रही है. जबलपुर पुलिस मृतक की नाबालिग बेटी को अभिरक्षा में लेने के लिए हरिद्वार रवाना हो चुकी है.
बता दें, 15 मार्च को पिता-पुत्र की हत्या कॉलोनी में ही रहने वाले एक अन्य रेलवे अधिकारी के पुत्र मुकुल सिंह ने निर्मम तरीके से कर दी थी. इसमें उसका साथ मृतक की नाबालिग बेटी ने भी दिया था. वारदात के बाद वह स्कूटर लेकर कॉलोनी से बाहर निकलता हुआ नजर आया था. उसके पीछे मृतक की नाबालिग बेटी भी निकली थी और फिर दोनों स्कूटर पर सवार होकर फरार हो गये थे.
पोस्टर देख लोकल ने दी थी पुलिस को सूचना
अब नाबालिग किशोरी के पकड़े जाने के बाद जल्द ही दोहरे हत्याकांड का खुलासा हो सकेगा. दोनों आरोपी 75 दिन से अधिक समय से फरार थे. उनकी तलाश में पुलिस टीमों को पुणे, मुंबई, कर्नाटक, यूपी, बिहार, बंगाल और नेपाल भी भेजा गया था, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लग सका था. मुख्य आरोपी मुकुल सिंह की जहां भी लोकेशन मिलती थी, वहां पुलिस के पहुंचने के पहले ही वह स्थान बदल देता था.
पुलिस द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी के लिए इनाम घोषित किया गया था और उसको वांटेड होने के पोस्टर छपवाकर कई प्रदेशों में भेजे गये थे. पोस्टर को देखकर हरिद्वार के एक नागरिक ने लोकल पुलिस को सूचना दी. उस आधार पर पुलिस ने घेराबंदी की तो आरोपी मुकुल भाग निकला, लेकिन नाबालिग किशोरी को पुलिस ने अभिरक्षा में ले लिया, जिसे लेने के लिए जबलपुर पुलिस की टीम रवाना की जा रही है.
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि, 14-15 मार्च 2024 की दरम्यानी रात मिलेनियम कॉलोनी के ब्लॉक नंबर 363-3 में रहने वाले रेलवे अधिकारी राजकुमार विश्वकर्मा और उनके 8 साल के मासूम बेटे तनिष्क की बेरहमी से हत्या कर दी गयी थी. पुलिस की जांच में कॉलोनी में रहने वाले एक अन्य रेलवे अधिकारी राजपाल सिंह के बेटे मुकुल सिंह और मृतक राजकुमार की नाबालिग बेटी (आरोपी की प्रेमिका) द्वारा इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया गया था.
मथुरा में कैमरे में नजर आये दोनों
तमाम सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने पर वारदात के बाद दोपहर में मुकुल अपनी मोपेड लेकर कॉलोनी से निकलता दिखा. बताया जाता है कि इससे पहले आरोपी मुकुल और उसकी प्रेमिका के मथुरा में होने की जानकारी के बाद पुलिस वहां पहुंची और कई प्रमुख स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच किया. इस दौरान आरोपी मुकुल का हुलिया बदला हुआ नजर आया.
वहीं,उसकी नाबालिग प्रेमिका गोल टोपी पहने हुए नजर आ रही थी. दोनों 10 अप्रैल की दोपहर मथुरा पहुंचे थे और वहां दो से तीन दिन रुके थे. उसके बाद वे कहां चले गए, इसका पता नहीं चल सका. इससे पहले भी पुलिस को दोनों आरोपियों के मुंबई, गोवा, पुणे और हुबली में होने की जानकारी लगी थी.
फरारी काटने में कौन कर रहा मदद?
फरारी के दौरान आरोपी द्वारा एटीएम का उपयोग करने की जानकारी लगने पर पुलिस ने मुकुल के दो और मृतक राजकुमार का एक खाता फ्रीज करा दिया गया था. खाते फ्रीज होने के बाद भी आरोपी के पास फरारी काटने के लिए पैसे कहां से आ रहे हैं, यह बात हैरान करने वाली बात है. पुलिस को संदेह है कि फरारी काटने में कोई आरोपी की मदद कर रहा है. पुलिस उसका पता लगाने में जुटी है.