जैजैपुर/सक्ती
जमीन के मामले फजीर्वाड़े का जो खेल चलता है उस पर अंकुश लगाने के लिये जिला प्रशासन सतर्क रहता है बावजूद इसके इस धंधे पर प्रशासन की नकेल ढीली पड़ जाती है और यही वजह है कि आज भी जनता ठगी जा रही है। जिले में जमीन की खरीदी-बिक्री का अनोखा मामला नगर पंचायत जैजैपुर का है जहां न तो जमीन बेची गई और न किसी ने खरीदी लेकिन पटवारी रेकार्ड में जमीन का नामांतरण हो गया। जैजैपुर तहसील के नगर पंचायत जैजैपुर का। जहां पर पटवारी द्वारा 11 मई को जमीन का नामांतरण कर दिया गया। इस मामले में नेतराम श्रीवास सेवानिवृत्त शाखा प्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर शाखा जैजैपुर को जब अपनी खुद की जमीन को दूसरे व्यक्ति के नाम पर नामांतरण की जानकारी मिली तो उनके होश फाख्ता हो गये।
जानकारी मुताबिक गांव के सेवानिवृत्त नेतराम श्रीवास ने बताया कि खसरा नम्बर 3251 एवं 2366 रकबा 38 एवं 33 डिसमिल खेत जो पैतृक भूमि है जो राजस्व अभिलेख फार्म बी 1 और भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिका क्रमांक 561260 में दर्ज चला आ रहा है उक्त भूमि को दिनाक 1/9/75 पटवारी एवं तहसीलदार जैजैपुर का हस्ताक्षर सहित शील मुहर लगा हुआ जारी किया गया है उक्त जमीन की सीमाकंन या शिकायत जांच दिनाक 18 जनवरी 24 को पटवारी प्रमोद यादव द्वारा किया गया जिसमे खसरा नम्बर 3251 रकबा 38 डिसमिल एवं खसरा नम्बर 2366 को भूमि को गुलापीबाई पिता गरहन ने अपने भूमि स्वामी हक की जमीन खसरा 3250 एवं 2367 में उक्त जमीन के मेड को काटकर मिला लिया है इस तरह तत्कालीन पटवारी से मिलीभगत कर अवैधानिक रूप से कानून को अपने हाथ मे लेकर अपराध किया गया है
27 साल बाद पता चला अपने पैतृक जमीन बिना खरीदी बिक्री का नामांतरण
नेतराम श्रीवास पेशे से सरकारी कर्मचारी थे इसलिए नौकरी कार्यकाल में हमेशा जैजैपुर से बाहर रहते थे। अपने पैतृक संपत्ति के खेत मे ज्यादा ध्यान नही दे पाये।इसी का लाभ उठाते हुए गुलापी बाई श्रीवास ने पटवारी से साठगांठ कर उक्त जमीन को नामांतरण करा लिया गया है लेकिन मजे की बात तब हुई नामांतरण होने के बावजूद आज पर्यंत तक नेतराम श्रीवास का नाम बी वन पाँचशाला से नही कटा था लेकिन मामले की जानकारी ने तूल पकड़ा तो आनन फानन में त्रुटि सुधार की फर्जी आवेदन लगाकर एसडीएम सक्ती से अपने पक्ष में सुनवाई करवा लिया गया है जो समझ से परे है।
जैजैपुर थाना में 420 की मामला अपराध करवाने की आशंका
नेतराम श्रीवास ने बताया कि मेरे जमीन को कूटरचना कर अपने नाम पर नामांतरण करवा लिया गया है जो अपराध की श्रेणी में आता है मेरे द्वारा उक्त जमीन की बिक्री ही नही की गई तो कैसे किसी भी दूसरे व्यक्ति के नाम पर नामांतरण किया जाना समझ से परे है ।
रिकार्ड के अनुसार सत्र 1997 में खसरा का नामांतरण हो चुका था नेतराम श्रीवास के नाम पर जमीन का खसरा रिकार्ड में था तो गुलापीबाई ने त्रुटि सुधार के लिए एसडीएम के पास आवेदन दिया गया था। मैंने एसडीएम सक्ती के आदेश का पालन करते हुए रिकार्ड में गुलापीबाई के नाम पर किया था
प्रमोद यादव, पटवारी जैजैपुर
मैंने उक्त जमीन की बिक्री किसी को नही कि उसके बावजूद गुलापीबाई के नाम पर नामांतरण पटवारी द्वारा किया गया है इसकी शिकायत थाना जैजैपुर में करूँगा।
नेतराम श्रीवास सेवानिवृत्त शाखा प्रबंधक
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा जैजैपुर