नईदिल्ली
इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए सरकार ने देश में फॉस्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) स्कीम को लॉन्च किया था. इसके बाद FAME-2 को लॉन्च किया गया जिसकी समय सीमा बीते 31 मार्च को समाप्त हो गई. इस दौरान देश की सरकार चुनाव में जाने वाली थी तो एक अस्थाई स्कीम के तौर पर 4 महीनों के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशनल स्कीम (EMPS) को लॉन्च किया गया, जिसकी मियाद जुलाई में समाप्त होने वाली है. अब ऐसे में फेम स्कीम के तीसरे चरण 'FAME-3' के लॉन्च होने की चर्चाएं शुरू हो चुकी है.
क्या है FAME स्कीम
नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान (NEMMP) हिस्से के रूप में, डिपार्टमेंट ऑफ हैवी इंडस्ट्री ने इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की टेक्नोलॉजी और निर्माण को बढ़ावा देने के लिए साल 2015 में फेम इंडिया नाम से एक योजना लॉन्च किया था. इसे 1 अप्रैल 2015 से लागू किया गया और इसे ही FAME Scheme के नाम से जाना जाता है. इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को सब्सिडी मिलती है, जिसका सीधा लाभ आम ग्राहकों को वाहन खरीदारी के दौरान मिलता है.
क्या कहती है रिपोर्ट:
ET की एक रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि, संभव है कि नई सरकार के कार्यभार संभालने के शुरुआती 100 दिनों के भीतर FAME-3 स्कीम को रोल-आउट किया जाए. FAME के इस तीसरे चरण में 10,000 करोड़ रुपये का ऑउटले दिया जा सकता है. जो कि देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के साथ-साथ सरकारी बसों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा. हालांकि, अभी इस योजना में इलेक्ट्रिक कारों को शामिल नहीं किया गया है.
FAME 3 से क्या हैं उम्मीदें
अधिकारी के हवाले से इस रिपोर्ट में बताया गया है कि, जून में नई सरकार के कार्यभार संभालने के तुरंत बाद FAME-3 योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. चूकिं FAME-3 बिल्कुल नई स्कीम होगी तो इसके लिए वाहन निर्माता कंपनियों को फिर से अप्लाई करना होगा. इसके अलावा ये स्कीम 2 साल की अवधि के लिए लॉन्च की जा सकती है. गौरतलब हो कि, FAME-2 स्कीम 5 साल तक चला था.
रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रिक कारों को FAME 3 के दायरे से बाहर रखा जा सकता है. हालांकि, इस बात पर विचार-विमर्श चल रहा है कि देश में इलेक्ट्रिक कारों को किसी सब्सिडी की जरूरत है या नहीं. अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि, FAME 3 के मौजूदा प्रस्ताव में FAME 2 के समान ही 15 लाख रुपये से कम कीमत वाली इलेक्ट्रिक कारों के लिए प्रोत्साहन देने का सुझाव दिया गया है. लेकिन अभी इसके बारे में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. इसके अलावा हाइब्रिड कारों को भी इस नई स्कीम में शामिल किया जा सकता है.
इस समय कितनी मिलती है सब्सिडी
इस समय EMPS स्कीम के तहत सरकार इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की खरीदारी पर अधिकतम 10 से 11 हजार रुपये तक की सब्सिडी दे रही है. जो कि इससे पहले FAME 2 के तहत तकरीबन 22,500 रुपये तक मिलती थी. यानी कि सब्सिडी लगभग आधी हो गई है. वहीं इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर पर 50,000 रुपये की सब्सिडी मिल रही है जो कि पहले FAME2 स्कीम के तहत 111,505 रुपये तक दी जाती थी. आम भाषा में समझें तो सरकार प्रति किलोवॉट आवर (kWh) बैटरी क्षमता पर 5,000 रुपये की सब्सिडी दे रही है. आमतौर पर भारत में 2kWh से लेकर 4kWh तक के इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बेचे जाते हैं.
FAME पहला चरण
इस योजना का पहला चरण 1 अप्रैल 2015 से शुरू किया गया जिसकी समय सीमा 2 साल थी. हालांकि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों के बढ़ते रूझान को देखते हुए इसे समय-समय पर बढ़ाया गया और अंतिम विस्तार 31 मार्च 2019 तक दिया गया. फेम इंडिया योजना के पहले चरण में मुख्य रूप से चार एरिया में फोकस किया गया जिसमें डिमांड क्रिएशन, टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म, पायलट प्रोजेक्ट और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल थें. डिमांड क्रिएशन का लक्ष्य इलेक्ट्रिक 2-पहिया, 3-पहिया, 4-पहिया वाहनों के साथ ही लाइट कमर्शियल व्हीकल और इलेक्ट्रिक बसों को प्रोत्साहित किया गया. फेज़ वन के दौरान अलग-अलग वर्षों में साल 2019 तक कुल 529 करोड़ रुपये का फंड अलॉट किया गया.
FAME दूसरा चरण
पहले चरण की सफलता के बाद सरकार ने 1 अप्रैल 2019 से देश भर में 10,000 करोड़ रुपये के आउटले के साथ 3 सालों के लिए फेम-2 स्कीम को लॉन्च किया. फेज़ 2 स्कीम के कुल बजट का लगभग 86 प्रतिशत अमाउंट इलेक्ट्रिक वाहनों के डिमांड को बढ़ाने के लिए आवंटित किया गया. इस फेज का उद्देश्य 7000 इलेक्ट्रिक-बसों, 5 लाख इलेक्ट्रिक-3 व्हीलर, 55,000 इलेक्ट्रिक-4 व्हीलर पैसेंजर कारों (स्ट्रांग हाइब्रिड सहित) और 10 लाख इलेक्ट्रिक 2 व्हीलर को सपोर्ट करना था. हालांकि समय के साथ इसमें एक्सटेंसन हुआ और इसे मार्च 2024 तक बढ़ाया गया.
EMPS स्कीम
फेम इंडिया के दूसरे चरण यानी FAME 2 स्कीम इस साल 31 मार्च को खत्म हुआ था. जिसके बाद सरकार ने देश में चार महीनों के लिए 500 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशनल स्कीम (EMPS) को लॉन्च किया. इसकी समयसीमा जुलाई में खत्म होगी. ये एक अस्थाई स्कीम है, जिसे देश में हो रहे आमचुनाव के मद्देनजर लॉन्च किया गया था. इस स्कीम में भी केवल इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर को ही शामिल किया गया था. बता दें कि, EMPS योजन के तहत सरकार का लक्ष्य कुल 3,72,215 यूनिट्स इलेक्ट्रिक वाहनों को सपोर्ट करना है. जिसमें 3,33,387 यूनिट्स टू-व्हीलर और लगभग 38,828 यूनिट्स इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर शामिल हैं.