रायपुर
छत्तीसगढ़ चेम्बर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में चेंबर प्रतिनिधि मंडल ने वित्त, वाणिज्यिक कर, आवास एवं पर्यावरण, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री ओ.पी. चौधरी से उनके बंगले में जाकर मुलाकात की तथा विकसित भारत के तर्ज पर विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण हेतु नए विजन को लेकर दक्षिण मध्य एशिया के सबसे बड़े होलसेल कोरिडोर की परिकल्पना से मंत्री को अवगत कराया। नया रायपुर अटल नगर में प्रस्तावित दक्षिण मध्य एशिया के सबसे बड़े होलसेल कोरिडोर की परिकल्पना को मूर्त रूप प्रदान करने मंत्री ओ.पी. चौधरी को ज्ञापन सौंप इस महती योजना के स्वरूप और चेंबर के विजन की विस्तृत जानकारी दी। जिस पर मंत्री चौधरी ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए तत्काल एनआरडीए के सीईओ सौरभ कुमार (आईएएस) को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किये।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी ने मंत्री ओ.पी. चौधरी के समक्ष प्रस्तावित नए होलसेल कॉरिडोर परिकल्पना का प्रस्तुतिकरण दिया और बताया कि प्रस्तावित होलसेल कॉरिडोर उपरोक्त अंतर्राष्ट्रीय बाजारों जैसा विशाल और व्यवस्थित होगा यह होलसेल कॉरिडोर स्वामी विवेकानंद अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, अटल नगर (नया रायपुर) रेलवे स्टेशन निमार्णाधीन तथा भारत माला सड़क परियोजना एवं एनएच 30 के समीप होगा जो भौगोलिक रूप से हमारी सीमा से लगे उड़ीसा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश और झारखंड की मांग की आपूर्ति कर सकेगा तथा प्रदेश के व्यापार को नई ऊंचाई, दिशा और गति देगा, साथ ही साथ संपूर्ण भारतवर्ष में छत्तीसगढ़ मॉडल के एक अनूठे और सबसे बड़े व्यवसाय क्षेत्र के रूप में जाना जाएगा।
यह एक स्वकेंद्रित और सभी तरह के थोक व्यापार के लिए एक ही स्थान पर सर्वसुविधायुक्त परिसर होगा जो भविष्य में 50 से 100 वर्ष तक निर्बाध-निर्विघ्न व्यवस्था के अनुकूल होगा। यह कॉरिडोर सभी वस्तुओं की बिक्री हेतु उनकी आवश्यकता अनुसार सर्वोत्तम मूलभूत संरचनाओं के साथ उपलब्ध होगा, नए रोजगार के अवसरों के साथ-साथ 1.5 से 2 लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का सृजन होगा, राज्य सरकार के सहयोग और व्यवसायियों की प्रतिबद्धता से क्षेत्र की ग्रामीण जनता का विकास और जीवन स्तर में भी बदलाव होगा।
पारवानी ने कहा कि होलसेल कोरिडोर के निर्माण हेतु नवा रायपुर अटल नगर में लगभग 1100 एकड़ भूमि का चिन्हांकन किया गया है। यह देश का प्रथम पर्यावरण संतुलित बाजार होगा जिसमें सोलर एनर्जी वाटर हार्वेस्टिंग, वॉटर रिसाइकलिंग तथा गार्बेज रिसाइकलिंग की भी व्यवस्था होगी तथा पर्यावरण संतुलन हेतु पूरे क्षेत्र में सघन वृक्षारोपण भी होगा। प्रस्तावित बाजार को विभिन्न सेक्टरों में वगीर्कृत किया गया है जिससे आगंतुक ग्राहकों को गंतव्य तक खरीदने में किसी प्रकार की समस्या ना हो, मूलभूत सुविधाएं जैसे पेट्रोल पम्प, बैंक, एटीएम, चिकित्सा सुविधा, अग्निशमन, शौचालय, हमालों के लिए विश्राम स्थल, खानपान के स्टाल, धर्म कांटा, ट्रकों एवं अन्य वाहनों के खड़े होने की व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था आदि का भी ध्यान रखा गया है। यह परियोजना विकसित भारत के तर्ज पर विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में मिल का पत्थर साबित होगा। पारवानी ने यह भी बताया कि वर्तमान में लगभग 125 व्यावसायिक संगठनों से लगभग 11250 दुकानों के लिए आवेदन चेंबर के पास आई है जिसकी संख्या भविष्य में और भी बढ़ सकती है।