इंफाल
चक्रवात रेमल की वजह से पूर्वोत्तर के लगभग सभी राज्य प्रभावित हुए हैं. मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, असम और मेघालय में तबाही जैसे मंजर हैं. मणिपुर (Manipur) की इंफाल घाटी में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. एजेंसी के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि इंफाल नदी के उफान पर होने से कई इलाकों में पानी भर गया है और सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है. इसके बाद इलाके के लोगों ने कम्युनिटी हॉल में शरण ली है.
अधिकारियों ने बताया कि नम्बुल नदी के उफान पर होने के कारण इंफाल पश्चिम जिले के खुमान लम्पक, नगरम, सागोलबंद, उरीपोक, केसामथोंग और पाओना इलाकों सहित कम से कम 86 इलाकों में बाढ़ की खबर है. लगातार बारिश के कारण इंफाल पूर्वी जिले के केरांग, खाबाम और लैरीयेंगबाम लेइकाई इलाकों के पास इंफाल नदी का किनारा टूट गया है और कई इलाकों में पानी घुस गया है, जिससे सैकड़ों घर जलमग्न हो गए हैं.
रेस्क्यू के लिए इंफाल पहुंची NDRF टीम
एक अधिकारी ने बताया, "इंफाल पूर्वी जिले के हीनगांग और खुरई विधानसभा क्षेत्रों के कई इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, कई इलाकों में बाढ़ का पानी छाती तक पहुंच गया है."
मणिपुर में बाढ़ से सैकड़ों लोग प्रभावित, सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास कार्य जारी
अधिकारियों ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की एक टीम रात करीब 10 बजे एयरफोर्स की स्पेशल फ्लाइट से इंफाल पहुंची.
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, "कई इलाकों में नदी के किनारे के बांध टूटने के कारण नागरिक और पशु प्रभावित हुए हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों, सुरक्षा और NDRF कर्मियों और स्थानीय स्वयंसेवकों सहित सभी संबंधित अधिकारी प्रभावित लोगों को सहायता देने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. फंसे हुए लोगों को नावों से सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया जा रहा है.
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि इंफाल और सिलचर को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 37 पर स्थित इरांग बेली पुल ढह गया, जिससे सड़क संपर्क बाधित हो गया.
इंफाल पूर्वी जिले के एसपी कार्यालय ने एक बयान में कहा, "पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. पुलिस विभाग अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर फंसे हुए लोगों को बचाने में मदद कर रहा है. जनता से अपील की जाती है कि वे बड़ी संख्या में बाहर आकर और भीड़ लगाकर बचाव अभियान में बाधा न डालें."
पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश और भूस्खलन से 38 लोगों की मौत
एजेंसी के मुताबिक चक्रवात रेमल की वजह से पूर्वोत्तर के लगभग सभी राज्य प्रभावित हुए हैं. इससे पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों में सड़क और रेल कम्युनिकेशन पर भी बुरा असर पड़ा है. चार राज्यों में भारी बारिश और भूस्खलन से 38 नागरिकों की मौत हुई है. मिजोरम में 29, नागालैंड में 4, असम में तीन और मेघालय में 2 नागरिकों के मौत की खबर है.
बता दें कि आपदा प्रबंधन और पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आइजोल में मेल्थम और हिलीमेन के बीच खदान स्थल से अब तक 25 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि कई अन्य अभी मलबे में फंसे हुए हैं. जिले के सलेम, ऐबाक, लुंगसेई, केल्हिस और फल्कन में भूस्खलन से 6 लोगों की मौत हो गई और कई लोग लापता बताए जा रहे हैं.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, सोनितपुर के ढेकियाजुली में एक स्कूल बस पर पेड़ की टहनी गिर गई, जिससे 12 छात्र घायल हो गए. मोरीगांव में अलग-अलग घटनाओं में पांच लोग घायल हो गए. मुख्मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की.