बेमेतरा.
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में 25 मई की सुबह स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड कंपनी में ब्लास्ट हो गया था। यह फैक्टरी बेरला थाना क्षेत्र के ग्राम पिरदा (बोरसी) में है। घटना में अब तक एक की मौत और आठ घायल हुए हैं। घायलों का उपचार रायपुर के मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। जिस यूनिट में यह ब्लास्ट हुआ है, वहां पर काम कर रहे आठ श्रमिक का अब तक कोई पता नहीं चल सका है।
उनके परिवार के लोग बीते शनिवार से कंपनी के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। बुधवार को यह प्रदर्शन खत्म हो गया है। स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड कंपनी ने बुधवार शाम को एक मृतक व छह लापता लोगों के परिवार को 29 लाख रुपये का चेक, एक लाख रुपये नकद दिया है। कुल सात परिवार को दो करोड़ 10 लाख रुपये दिए गए है। इसके अलावा दो अन्य लापता लोगों के परिवार वालों ने रुपये लेने से इनकार कर दिया है। इन लोगों ने 50 लाख रुपये की मांग की है। इसी प्रकार राज्य सरकार ने एक मृतक व आठ लापता हुए लोगों के परिवार को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की, जिसे जल्द दिया जाएगा। वहीं, इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच शुरू कर दी है। 45 दिन में जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपनी है।
मोबाइल और बीड़ी भी हाे सकता है हादसे कारण
पड़ताल में सामने आया कि बारूद फैक्ट्री में ज्वलनशील पदार्थ यानी कि बीड़ी, सिगरेट, माचिस इत्यादि को प्रतिबंधित किया गया था। लेकिन इसके बावजूद पहले भी कुछ कर्मचारी इन्हें लेकर अंदर जाते हुए भी पाए गए हैं। ऐसे में इस घटना के पीछे भी इन्हीं प्रतिबंधित सामग्रियों का अंदर ले जाना भी एक कारण हो सकता है।
प्रबंधन ने 25 लाख मुआवजे का दिया प्रस्ताव
घटना के तुरंत बाद ही मृतकों को शासन की ओर से पांच लाख रुपये और प्रबंधन की ओर से दस लाख रुपये की मुआवजा राशि देने के निर्देश दिए गए थे। वहीं, इस पर सहमति नहीं बनने पर प्रबंधन की ओर से 25 लाख रुपये के मुआवजे का प्रस्ताव दिया गया है। लेकिन स्वजन अब भी 50 लाख रुपये के मुआवजे को लेकर अड़े हुए हैं।
एक की हो चुकी है मौत, आठ अब भी लापता
इस पूरे हादसे में पिरदा के रहने वाले एक कर्मचारी सेवक राम साहू की मौत हो चुकी है। वहीं, अन्य आठ लोग अब भी लापता हैं। जिसमें तीन पिरदा गांव से, दो बोरसी, एक उफरा, एक गबदा और एक भिंभौरी के कर्मचारी हैं। इन सभी के सैंपल रायपुर मेडिकल कालेज भेजे गए थे, जिनकी जांच के लिए हैदराबाद भेजा जा रहा है। वहीं, फोरेंसिंक डिपार्टमेंट के अनुसार इसकी रिपोर्ट आने में 20-25 दिन का समय लग सकता है।
डीएनए जांच के बाद ही मिलेगा मुआवजा
जिला प्रशासन के अनुसार इस पूरे मामले में डीएनए जांच की एक बड़ी भूमिका है। सभी स्वजनों के सैंपल के साथ ही रेस्क्यू के दौरान मिले शवों के चीथड़ों को जांच के लिए भेजा गया है। वहीं, प्रबंधन की ओर से तात्कालिक रूप से मिलने वाली राशि पांच लाख रुपये की राशि तो त्वरित रूप से दी जा रही है, जबकि प्रबंधन की ओर से मुआवजे की शेष राशि और शासन की राशि डीएनए जांच के बाद ही मिल पाएगी।
अब तक इन कर्मचारियों का नहीं मिला सुराग
– विजय गंधर्व – पिरदा
– पुष्पराज देवदास – पिरदा
– राजू ध्रुव – पिरदा
– नीरज ध्रुव – भिंभौरी
– लोकनाथ यादव – गबदा
– भीषम साहू – बोरसी
– नरहर यदु – बोरसी
– शंकर यादव – उफरा